PATNA: बिहार की सियासत में अपनी विचारधारा गवांने और उसके बाद भी बीजेपी नेतृत्व की रहस्मयी चुप्पी से पार्टी के नेता सदमे में हैं।बिहार पहला ऐसा राज्य बन गया जहां भाजपा के सत्ता में होने के बाद भी एनआरसी लागू नहीं किए जाने का प्रस्ताव सदन से पास कराया गया। सुशील मोदी स्वागत कर रहे हैं वहीं नेतृत्व ने चुप्पी साध ली है.
नीतीश के तीर से घायल बिहार बीजेपी को ऐसा सदमा लगा है कि 48 घंटे बाद भी चुप्पी नहीं टूटी है।जानकार बताते हैं कि बीजेपी को समझ में नहीं आ रहा कि उसका आधिकारिक स्टैंड क्या है।अगर वह बिहार विधानसभा से एनआरसी पास कराए जाने का स्वागत करती है तो वह अपनी विचारधारा का अपमान करेगी।पार्टी का जो संकल्प है उसके साथ अन्याय होगा।अगर विरोध करती है सीधे तौर पर सहयोगी दल जो आज बीजेपी के सामने बड़ी ताकत के रूप में उभरी है वो नाराज हो जाएगी।बीजेपी आज की तारीख में जेडीयू को नाराज नहीं करना चाहती।लिहाजा बीजेपी नेतृत्व चुप रहने में हीं भलाई समझ रही है।
नीतीश के तीर से घायल बीजेपी 48 घंटे बाद भी चुप
बिहार में पार्टी की विचारधारा हीं दांव पर लग गई उस पर 48 घंटे बीतने के बाद भी रहस्यमयी चुप्पी साध कर प्रदेश अध्यक्ष बैठे हैं।बिहार बीजेपी के रणनीतिकार और बिहार प्रभारी भूपेन्द्र यादव भी मौन हैं।गृह राज्यमंत्री और कुछ समय पहले तक बिहार बीजेपी का कप्तान रहे नित्यानंद राय जो एनआरसी लागू करने की बात कर रहे थे वे भी मौन साधे बैठे हैं।तो बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और हिंदूवादी चेहरा गिरिराज सिंह भी नीतीश कुमार के दिए जख्म से घायल हैं और चुप बैठे हैं।पार्टी और संगठन से जुड़ा कोई भी नेता बिहार में एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास होने पर कुछ भी नहीं बोल रहा।जब से सदन से एनआरसी लागू नहीं करने का प्रस्ताव पास हुआ है तभी से बीजेपी के छोटे नेता और कार्यकर्ता अपने नेतृत्व को टुकुर-टुकुर निहार रहे हैं कि हमारा नेतृत्व कुछ तो बोलेगा...।लेकिन 48 घटे बाद भी नेतृत्व के मुंह ताला लगा है।
संकल्प का सौदा होने के बाद भी खुश है पार्टी!
बीजेपी के निचले स्तर के नेता और कार्यकर्ता अब मान कर चल रहे कि बीजेपी जेडीयू की पिछलग्गू बने रहने में हीं अपने आप को सौभाग्यशाली मान रही है।क्यों कि जिस तरीके से सहयोगी जेडीयू ने विधानसभा में बीजेपी के संकल्प के खिलाफ हीं प्रस्ताव पास करा लिया और पार्टी चुप-चाप रह गई। हालांकि बिहार विधानसभा से एनआरसी लागू नहीं किए जाने का प्रस्ताव पास किए जाने के बाद बीजेपी के कई विधायकों और मंत्रियों ने खुलेआम कहा कि अंधेरे में रखकर पास कराया गया है।मंत्री प्रेम कुमार ,विजय सिन्हा ने तो स्पष्ट तौर पर कहा कि एनआरसी के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई थी और बिना जानकारी के आनन-फानन में सदन से पास कराया गया।लेकिन बाद में सबने कह दिया कि यह हमारी निजी राय है।