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बिहार बीजेपी की नई कार्यसमिति का करीब 3 महीने बाद भी ऐलान करने में नेताओं के क्यों छूट रहे पसीने,कहां फंसा है पेंच? जानिए....

बिहार बीजेपी की नई कार्यसमिति का करीब 3 महीने बाद भी ऐलान करने में नेताओं के क्यों छूट रहे पसीने,कहां फंसा है पेंच? जानिए....

PATNA : बिहार में आने वाले दिनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसको लेकर सभी पॉलिटिकल पार्टी के नेताओं ने युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है.तमाम राजनीतिक दल अपने संगठन को चुस्त-दुरूस्त करने में जुटी है।लेकिन बिहार बीजेपी के संगठन में उलझा गांठ सुलझने का नाम नहीं ले रहा है।इस वजह से करीब 80 दिन बीतने के बाद भी प्रदेश कार्यसमिति का ऐलान नहीं हो सका है।बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेन्द्र यादव एक हफ्ते में दो बार बिहार आ चुके हैं।गुरूवार की शाम हीं वे पटना पहुंचे थे ।आज दिन भर पार्टी पदाधिकारियों के साथ गोपनीय बैठक कर तमाम गांठों को सुलझाने की पूरी कोशिश की है.वर्चुअल रैली के दौरान भी संगठन राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी ने भी इस संबंध में बिहार के नेताओं से बातचीत की थी। लेकिन गांठ सुलझाने में सफलता नहीं मिली थी।

गांठ सुलझाने को लेकर जारी है माथापच्ची

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष डॉ.संजय जायसवाल ने 20 मार्च 2020 को हीं प्रदेश पदाधिकारियों की नई टीम की घोषणा कर दी थी. नई टीम में आगामी विधानसभा चुनाव 2020 को देखते हुए जातिगत आधार का पूरा ध्यान रखने की बात कही गई थी। पदाधिकारियों के नाम के ऐलान के बाद प्रदेश कार्यसमिति की टीम की घोषणा टल गई थी।जबकि बीजेपी में अमूमन प्रदेश पदाधिकारी और कार्यसमिति का ऐलान साथ-साथ हीं होता है।लेकिन इस बार प्रदेश पदाधिकारी के नाम का ऐलान हो गया उसके बाद कोरोना संक्रमण रोकने को लेकर देश भर में लॉकडाउन लागू हो गया।उसके बाद से बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति का ऐलान पेंडिंग है।नई प्रदेश कार्यसमिति का ऐलान कब होगा किसी को पता नहीं है। 

ऐन वक्त पर सूची जारी करने का निर्णय बदला गया

पिछले महीने हीं प्रदेश कार्यसमिति के ऐलान को लेकर लिस्ट को अँतिम  रूप देने की बात सामने आई थी।तब पार्टी के आंतरिक सूत्रों ने यह बताया था कि बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल प्रदेश कार्यसमिति की सूची को अंतिम रूप देने में जुटे हैं।लेकिन ऐन वक्त पर सूची जारी करने का निर्णय टाल दिया गया।क्यों कि जो सूची बनी थी उसको लेकर पार्टी के भीतर कई नेताओं की थोड़ी नाराजगी थी।इसलिए सूची को सार्वजनिक नहीं किया गया।

तब क्या कहा था बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने...

तब बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी नई प्रदेश कार्यसमिति का ऐलान को लेकर कहा था कि 1जून के बाद प्रदेश कार्यसमिति का ऐलान होगा।लेकिन 12 जून बीतने के बाद भी अब तक प्रदेश कार्यसमिति का ऐलान करने में नेतृत्व विफल रहा है।

कहां फंसा है पेंच

बिहार बीजेपी कार्यसमिति का 80 दिनों बाद भी ऐलान नहीं हो पाया है।जाहिर सी बात है कि कहीं न कहीं नेताओं की पेंच वाली पॉलिटिक्स इसमें फंसी हुई है।जानकार बताते हैं कि अध्यक्ष से लेकर कई और धुरंधर नेता कार्यसमिति में अपने-अपने पेंच को कसना चाहते हैं ताकि उनकी पॉलिटिक्स की धार बनी रहे।अध्यक्ष जिस तरीके से संगठन बनाने में पूरी तरह से हावी रहे उसी तरीके से कार्यसमिति में भी अपने लोगों को लेना चाहते हैं।लेकिन दूसरी तरफ धुरंधर और वरिष्ठ नेताओंं की भी चाहत है कि अधिक से अधिक अपने लोगों को कार्यसमिति में जगह दिलवा पायें।कुल मिलाकर देखा जाए तो ऐसा लग रहा है कि कार्यसमिति में धुरंधर नेताओं के अपने-अपने पेंच कसने की कसरत की वजह से कार्यसमिति का ऐलान टलते रहा है। अब देखना यह होगा कि दिल्ली वाले नेता फंसे पेंच को कैसे निकालने में कामयाब हो पाते हैं।







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