PATNA: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन करते-करते किसानों को एक महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। इस गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से कई बार कोशिश की गई है। अब किसान संगठनों ने भी सरकार संग फिर से बातचीत शुरू करने का फैसला लिया है और इसके तहत 29 दिसंबर सुबह 11 बजे बैठक के लिए सरकार को प्रस्ताव भी भेजा है लेकिन किसान अब कानून वापस लिए जाने की मांग पर अड़ गए हैं। अगर सरकार कानून वापस नहीं लेती है तो बातचीत के बाद अपना प्रदर्शन जारी रखने के लिए भी किसानों ने अपनी योजना बना ली है। किसान संगठनों ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो वे 30 दिसंबर को 'ट्र्रैक्टर मार्च' करेंगे। इधर, किसानों को समर्थन देने के लिए बिहार से कांग्रेसी सिंधु बॉर्डर पहुंच गए हैं।
कुमार आशीष पहुंचे सिंधु बॉर्डर
बिहार कांग्रेस के प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ पिछले पंद्रह दिनों से सिंधु बॉर्डर पर धऱने पर बैठे हैं।उनका साथ देने और किसानों की लड़ाई लड़ने बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कुमार आशीष लाव-लश्कर के साथ सिंघु बॉर्डर पहुंच गए हैं और किसानों के आंदोलन में शामिल हो रहे हैं. कांग्रेस नेता कुमार आशीष ने बताया कि किसानों के हक़ की लड़ाई लड़ने सिंघु बॉर्डर पर अपने बिहार के साथियों के साथ पहुँचा हूं। बिहार भी एक कृषि प्रधान राज्य है और किसानों की लड़ाई में बिहार पीछे नही रहेगा, किसान है तो हिंदुस्तान है .
अन्नदाताओं की सेवा में जुटे कांग्रेस नेता
कुमार आशीष ने बताया कि सिंघु बॉर्डर पर पहुच कर किसान भाइयों के समर्थन मे पिछ्ले 15 दिनों से लगातार धरने पर बैठे हमारे अभिभावक और बिहार काँग्रेस के प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ का साथ दिया . साथ ही सिंधु बॉर्डर पर अन्नदाताओं की सेवा में लग गया हूं।