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बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे से जुड़ा बिहार कनेक्शन, जांच रिपोर्ट में समस्तीपुर रेल डिविजन के लिए कहा – यहां भूत करते हैं काम

बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे से जुड़ा बिहार कनेक्शन, जांच रिपोर्ट में समस्तीपुर रेल डिविजन के लिए कहा – यहां भूत करते हैं काम

DESK : बीते 14 जनवरी को जलपाइगुड़ी में हुए बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे की जांच रिपोर्ट आ गई है और जांच रिपोर्ट में हादसे का जो कारण बताया गया है, वह रेलवे की आंतरिक व्यवस्था की पोल खोलनेवाला है। रिपोर्ट के मुताबिक हादसे का कारण ट्रेन के इंजन का मेंटेनेंस नहीं किया जाना बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इंजन बिना मेंटेनेंस के 18000 किमी तक चला दिया गया। जबकि किसी भी इंजन के 4500 किमी चलने के बाद उसे मेंटनेंस के लिए भेजा जाता है। हादसेवाले इंजन की अंतिम जांच 6 दिसंबर को की गई थी। 

13-14 जनवरी की दरम्यानी रात बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई थी। इसमें 9 रेल यात्रियों की मौत हो गई थी, वहीं 36 गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हादसे के बाद रेलवे ने कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) को इस घटना की जांच करने के निर्देश दिए थे। अब सीआरएस ने हादसे की रिपोर्ट पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे मालीगांव-गुवाहाटी के महाप्रबंधक को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में सीआरएस मो. लतीफ खान द्वारा तैयार रिपोर्ट में इंजन की मेंटनेंस में लापरवाही को लेकर जानकारी दी गई है। साथ ही महाप्रबंधक को सलाह दी है कि सुनिशचत किया जाए कि ट्रेन के इंजन का जांच समय पर हो। टाइम फ्रेम में इंजन का एगजामिनेशन किया जाए। जितने भी स्टेशन पर ट्रेन के इंजन है। सब की जांच की जाए कि इंजन का समय पर मेंटनेंस किया जा रहा है या नहीं।

हादसे से जुड़ा बिहार कनेक्शन

इस हादसे से बिहार का भी कनेक्शन सामने आया है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है हादसेवाली ट्रेन के इंजन का मेंटनेंस सर्टिफिकेट बिहार के समस्तीपुर रेल डिवीजन से जारी किया गया था। लेकिन, इस रेल डिविजन में इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटनेंस की सुविधा ही नहीं है। लेकिन इसके बाद भी रेलवे के अधिकारियों द्वारा यात्रियों की जान से खिलवाड़ करते हुए यहां से इलेक्ट्रिक इंजन के मेंटनेंस के सर्टिफिकेट जारी किए जाते थे। सीआरएस की जांच में यह साफ हो गया है कि फर्जी तरीके से ट्रेन के इंजन का मेंटनेंस होता था और सर्टिफिकेट जारी किया जाता था और बिना ट्रेन इंजन की जांच के ट्रैक पर ट्रेन को दौड़ाया जाता है।

रिपोर्ट में भूत का किया जिक्र

सीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में समस्तीपुर रेल डिविजन के लिए भूत शब्द का इस्तेमाल किया है। यानि जहां पर इलेक्ट्रिक इंजन के जांच की व्ययवस्था नहीं है। वहां पर क्या भूत यह काम करता है। यह भी छानबीन का विषय है। कमिशनर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे को इस मामले में जांच करनी चाहिए कि जहां पर इलेक्ट्रिक इंजन के जांच की व्यवस्था नहीं है तो वहां पर कैसे जांच सर्टिफिकेट जारी किया जाता था।

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