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BIHAR CRIME: 50 लाख गबन मामले में जांच टीम गठित होने के बाद से फरार है सहायक अभियंता, बाढ़ शिविर में थी ड्यूटी

BIHAR CRIME: 50 लाख गबन मामले में जांच टीम गठित होने के बाद से फरार है सहायक अभियंता, बाढ़ शिविर में थी ड्यूटी

BAGAHA: पिपरा पिपरासी तटबंध के पिपरासी मधुबनी सबडिवीजन के सहायक अभियंता गौतम कुमार बाढ़ कैंप से फरार है। हालांकि पडरौना अधीक्षण अभियंता महेश्वर शर्मा के सूचना के अनुसार पिपरासी व मधुबनी के सहायक अभियंता गौतम कुमार मधुबनी व पिपरासी बाढ़ शिविर पर उपस्थित है, लेकिन हकीकत यह है कि सहायक अभियंता न पिपरासी में है और ना ही मधुबनी में। जो जांच का विषय है।

तत्काल में सहायक अभियंता पर सिताबदियर निवासी मैनेजर नुनिया द्वारा 50 लाख रूपए गबन का आरोप लगाया गया है। जिसमें अधीक्षण अभियंता महेश्वर शर्मा के द्वारा डिविजन एक के कार्यपालक अभियंता सईद अहमद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया है। ऐसे में सहायक अभियंता गौतम कुमार द्वारा बाढ़ कैंप से गायब होना अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है। अधीक्षण अभियंता महेश्वर शर्मा ने बताया कि डिविजन दो के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार के निर्देश पर गौतम कुमार कार्य कर रहे हैं। विभागीय सूचना के अनुसार सहायक अभियंता गौतम कुमार मधुबनी से लेकर पिपरासी बार कैंप शिविर पर ही उपस्थित होंगे। लेकिन मधुबनी से पिपरासी तक सहायक अभियंता गौतम कुमार का कहीं अता पता नहीं है। उनके द्वारा पत्रकारों का फोन भी रिसीव नहीं किया जा रहा है। इस संदर्भ में कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार ने सहायक अभियंता का बचाव करते हुए कहा कि गौतम कुमार को आज किसी कार्य के नियुक्त किया गया है जिस पर उन्होंने सर में दर्द होने की बात कहते हुए विश्राम की इच्छा व्यक्त की। अब यह जानना बहुत मुश्किल हो गया है कि गौतम कुमार बाढ़ शिविर व प्रतिनियुक्त स्थल छोड़कर अन्य किस जगह पर विश्राम कर रहे हैं। साथ ही संबंधित पदाधिकारी उनका बचाव क्यों कर रहे हैं। अब तो यह जांच का विषय हो गया है। 


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सहायक अभियंता गौतम कुमार के एक संबंधी पिपरासी बाढ़ शिविर के नजदीक उत्तरप्रदेश में रहते है जो फ्लड के काम में बहुत बढ़-चढ़कर के हिस्सा भी लिए हैं। जो क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि सहायक अभियंता गौतम कुमार द्वारा अपने रिश्तेदारों के बीच फ्लड फाइटिंग के काम में बोरिया रेवड़ी की तरह बांटें हैं यह भी एक जांच का विषय है। हालांकि गौतम कुमार के ऊपर 50 लाख के गबन के आरोप में जांच टीम गठित कर दी गई है। अब देखना है कि जांच टीम के द्वारा जांच में क्या रिपोर्ट दी जाती है। जिस प्रकार गौतम कुमार का के द्वारा पिपरासी सब डिवीजन में कार्य कराया गया है। स्थानीय लोगों व जनप्रतिनिधियों की बाते सुनकर तथा उनपर लगे आरोपों का अवलोकन करने पर माल महाराज के मिर्जा खेले होली वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ होती नजर आ रही है। सरकार के पैसे को ऐसे रेवड़ियों की तरह संवेदकों व रिश्तेदारों के बीच बांटना गौतम कुमार के   कार्यकलाप पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। अब देखना है कि जांच का ऊंट किस करवट बैठता है।

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