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डीजीपी साहब, क्या ऐसे बेरहम पुलिस वालों को आप करेंगे सलाम? जरा इनका क्रूर चेहरा देख लीजिए....

डीजीपी साहब, क्या ऐसे बेरहम पुलिस वालों को आप करेंगे सलाम? जरा इनका क्रूर चेहरा देख लीजिए....

PATNA: डीजीपी साहब, आपकी पुलिस बेरहम हो गई है।लॉकडाउन में आप तो चले थे पुलिस को पब्लिक फ्रैंडली बनाने, लेकिन आपकी पुलिस तो गुंडा निकली।गुंडा शब्द प्रयोग करना भले हीं उचित प्रतीत नहीं होता, लेकिन आपकी पुलिस ने जो कृत्य किया है उसमें तो यही शब्द सटीक बैठता है। आपकी पुलिस तो अबोध बच्चों को पहले गाड़ी से उतारती है, फिर पिता पर दो तरफा लाठी बरसाती है। बिहार के इस जांबाज पुलिस का क्रुर चेहरा देख बच्चे कांप रहे थे,फिर भी आपकी पुलिस का कलेजा नहीं पसीजा।क्या अब भी ऐसे पुलिसकर्मियों को आप सलाम करेंगे?

अच्छे कामों के लिए पुलिस की होती है प्रशंसा लेकिन...

साहब, आपकी पुलिस बिहार की जनता की सेवा में लगी है,यह तो अच्छी बात है।आपकी पुलिस असहायों की मदद भी कर रही है,बूढ़ों का सहारा भी बनी है. उसकी प्रशंसा भी हो रही है लेकिन पुलिस का जो दूसरा रूप देखने को मिला है वह पहले रूप पर हावी है. लाख कोशिश के बाद भी पुलिस विनम्र नहीं बन रही।इन पुलिसकर्मियों पर आपकी बात का भी कोई असर नहीं होता।आप खुद लगातार वीडियो जारी कर पुलिसकर्मियों को पब्लिक फ्रैंडली बनने की बात कहते हैं।लेकिन पुलिस कहां सुधरने वाली है।जब और जहां मौका मिला पुलिस का वो खौफनाक और अमानवीय चेहरा सामने आ जाता है।


मोतिहारी में दिखा पुलिस का अमानवीय चेहरा

मामला मोतिहारी से जुड़ा है।जहां आपकी पुलिस ने 2 मासूमों के सामने उसके पिता की जमकर पिटाई की गई।मान लिया कि उसके पिता ने लॉकडाउन को तोड़ा था।उसने छोटे बच्चों के साथ सड़क पर निकल कर गलती की थी।लेकिन पुलिस का जो तरीका दिखा वो कहीं से जायज नहीं था।वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि एक बाइक सवार अपने 2 छोटे बच्चों को बिठा कर जा रहा है।तभी मोतिहारी शहर से सटे रघुनाथपुर के समीप पुलिस उस शख्स को रोकती है।इसके बाद पुलिस उन 2 छोटे मासूमों को गाड़ी से उतार देती है।

इसके बाद पुलिस का क्रुर चेहरा सामने आता है।पुलिस उन दो बच्चों को बाइक से उतरने को कहती है।पुलिस को देख दोनों छोटे बच्चे गाड़ी से उतर कर किनारे खड़े हो जाते हैं।फिर बच्चों के सामने हीं पुलिस उसके पिता पर लाठियां बरसाना शुरू कर देती है।पुलिस वजह भी पूछना मुनासिब नहीं समझा . पिता की बेरहमी से पिटाई होते देख बच्चे चीखने-चिल्लाने और  डर से कांपते रहे,और पुलिस गुंडे की तरह पिटती रही।

शायद पुलिस को इतनी समझदारी भी नहीं थी कि छोटे बच्चों के सामने पिता की इस तरह कि पिटाई करने से उन मासूमों के दिलो-दिमाग पर क्या असर डालेगा?पुलिस को बाल संरक्षण के जो नियम हैं शायद उसकी भी कोई जानकारी नहीं थी,तभी तो इस तरह से पिटाई की गई। मोतिहारी के रघुनाथपुर ओपी इलाके का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।अब देखना होगा इस मामले में वरीय अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं।



 

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