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ऑपरेशन घूसखोर इंजीनियर की पूरी कहानी… आखिर कैसे और कितने दिनों की फील्डिंग में ट्रैप हुआ सुरेश प्रसाद?

ऑपरेशन घूसखोर इंजीनियर की पूरी कहानी… आखिर कैसे और कितने दिनों की फील्डिंग में ट्रैप हुआ सुरेश प्रसाद?

PATNA : आखिरकार पथ निर्माण विभाग का सबसे बड़ी मछली निगरानी के जाल में फंस ही गई। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि इतने बड़े भ्रष्टाचारी को अपने ट्रैप में लेने के लिए आखिर निगरानी कैसे जाल बिछाया? आखिर इतनी बड़ी रकम देने वाला था कौन? इतनी बड़ी रिश्वत लेने का आदी हो चुके इस इंजीनियर के पास आखिर कितनी संपत्ति है? 

ऑपरेशन घूसखोर इंजीनियर

ठेकेदार ने जब निगरानी टीम को पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर सुरेश प्रसाद के बारे में रिश्वत मांगने की सूचना दी तो निगरानी की टीम ने अपने टारगेट को हिट करने की तैयारी पूरी कर ली। लेकिन सुरेश प्रसाद जैसे रिश्वतखोर को ट्रैप में लेना भी इतना भी आसान नहीं था क्योंकि घूस की रकम इतनी बड़ी थी कि निगरानी की टीम को भी विश्वास नहीं हो पा रहा था। रिश्वत देने की बातचीत इंजीनियर की ओर से उसके कैशियर ने शुरु की। 

ऑपरेशन घूसखोर इंजीनियर की शुरुआत 3 जून को ही शुरु कर दी गई थी। निगरानी की टीम की सतर्कता का अंदाजा लगाइए कि शिकार को जाल में लेने के लिए 6 दिन तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। बातचीत लगातार 4-5 दिनों तक होती रही। अंतत: रकम देने की तिथि और समय तय की ली गई। सबकुछ पर निगरानी की टीम बारीक नजर रख रही थी। 

8 जून की सुबह 10 बजे रकम देने के लिए समय तय किया गया था। लेकिन जब कैशियर को फोन किया गया तो कैशियर ने बताया कि उसके रिश्तेदार की तबियत खराब होने की वजह से वह अस्पताल जा रहा है। कैशियर ने सीधे अपने बॉस इंजीनियर को ही रकम देने की बात कही। फिर निगरानी ने इंजीनियर से बात की और इंजीनियर ने अपने घर पटेल नगर पर रकम लेने के लिए बुलाया।

ठेकेदार के साथ निगरानी की टीम जब इंजीनियर के घर पर पहुंची तो इंजीनियर ने फोन करके अपने कैशियर को बुला लिया। ठेकेदार के पैसे देते ही निगरानी की टीम ने इंजीनियर और उसके कैशियर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।

कैश बरामदगी में भी बना रिकार्ड

निगरानी टीम ने माना है कि बिहार में रिकार्ड 14 लाख रिश्वत लेते पहली बार कोई  ट्रैप हुआ है। इससे पहले बेगूसराय के एडीएम का 6 लाख रिश्वत लेते पकड़ा गया था उसका रिकार्ड रहा है। कैश बरामदगी के मामले में भी बिहार में नया रिकार्ड बना है।घूसखोर इंजीनियर के पास से 2करोड़ 36 लाख रुपये कैश बरामद की गई है। 

विदेशी चीजों का शौकिन है सुरेश प्रसाद

विदेशी कुत्ता, विदेशी तोता, विदेशी गौरैया सहित कई विदेशी सामानों का शौकिन है सुरेश प्रसाद। घर के छत पर ही उसने शानदार बागीचा बना रखा है। उसके मकान में लगभग एक दर्जन एसी लगे है। 

अब क्या होगा?

सुरेश एवम उनके परिजन के बैंक अकाउंट में अभी लगभग 70 लाख होने की उम्मीद है जिसकी जांच किया जा रहा है। छापेमारी के दौरान 2बैंक अकाउंट झारखंड में होने का खुलासा हुआ है। घूसखोर इंजीनियर के पटना के विभिन्न बैंक में 10 बैंक अकाउंट के बारे में भी जानकारी मिली है। दो लॉकरों का भी खुलासा हुआ है एक सेंट्रल बैंक में और दूसरा एसबीआई में। उसके सैलरी अकाउंट की भी जांच की जा रही है। पैतृक गांव से लेकर पटना के मकान तक की जांच निगरानी करेगी।

जांच की बिंदु में बच्चे की पढ़ाई की खर्च से लेकर घर के तमाम खर्च की भी जांच करने में निगरानी लग गई है। बताया गया है कि इंजीनियर का बेटा आईआईटी इंजीनियर है। उसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।

निगरानी टीम को मिलेगा रिवार्ड

ऑपरेशन घूसखोर में शामिल निगरानी की टीम को रिवार्ड के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इस ऑपरेशन को लेकर निगरानी ने 11-11 की दो टीम का गठन किया था।

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