PATNA: कोरोना संकट में बिहार सरकार की माली हालत खस्ता हो गई है।सरकार खुद स्वीकार कर रही है कि लॉकडाउन की वजह से आर्थिक संकट उत्पन्न हो गई है।इस संकट के बीच बिहार के विपक्षी दल के नेताओं ने एक बार फिर से स्पेशल स्टेटस की मांग उठा दी है।विपक्षी दल के नेताओं का कहना है कि यही सही समय है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले.
बिहार कांग्रेस की तरफ से सबसे पहले यह मांग उठाई गई। कांग्रेस का मानना है कि परदेस से लाखो मजदूर वापस बिहार आये हैं और आ भी रहे हैं।दूसरे राज्यों से बिहार आए मजदूरों के पास ना रोजगार के साधन हैं और ना ही इनके लिए सरकार के पास कोई कार्ययोजना है। कांग्रेस ने पंद्रह दिन पहले हीं केंद्र सरकार से बिहार के लिए विशेष पैकेज की मांग की थी।कांग्रेस के बाद राजद की तरफ से भी स्पेशल स्टेटस देने की मांग उठाई गई है।
युवा कांग्रेस की बिहार इकाई के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने पंद्रह दिन पहले हीं मांग उठाई थी कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा अगर केंद्र सरकार नहीं दे रही है तो कम से कम अब इन प्रवासी मजदूरों के रोजगार के साधन उपलब्ध हों, इसके लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बिहार की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। ऐसे में बिहार सरकार के लिए रोजगार सृजन एक बड़ी समस्या है।उन्होंने कहा कि कोरोना बंदी के दौरान 7 लाख से अधिक लोग बिहार आ गए हैं.करीब 20 लाख मजदूर बिहार वापस आने वाले हैं। ऐसे में इनके सामने ना केवल रोजगार की समस्या है.उन्होंने कहा कि इन मजदूरों को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए इच्छुक लोगों को प्रशिक्षण दिए जाने की भी मांग की है।