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: बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत 57 लाख लोगों तक पैसा
भेजा गया, लेकिन एक लाख लोगो तक ये पैसा नही पहुंचा। सरकार के आदेश के बाद इस मामले की जांच हो
रही है । यह जानकारी वित्त मंत्री सुशील
कुमार मोदी ने दी। बिहार बैंकर समिति की बैठक के बाद सुशील कुमार मोदी ने मीडिया से
बातचीत के दौरान ये बातें कहीं।
मालूम हो कि सरकारी योजना का पैसा अब सीधे लाभ लेने वाले व्यक्ति के बैंक खाता में भेजा जा रहा है लेकिन इसके बाद भी इस मामले में गड़बड़ी हो गयी। सरकार ने कमीशनखोरी को रोकने के लिए बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम (डीबीटी) को फूलप्रूफ प्लान माना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसी तरह बाढ़ के दौरान 38 लाख लोगों को डीबीटी के माध्यम से पैसे देने थे, जिसमें 18 महीने की देर लग गयी। वित्त मंत्री ने बताया कि दो करोड़ छात्रों को डीबीटी के माध्यम से छात्रवृत्ति जाएगी। सिक्कों के लेकर आम आदमी को बहुत परेशानी हो रही है। ज्यादा सिक्का होने पर अगर ग्राहक उसे अपने खाता में जमा करना चाहता है तो बैंक उसे स्वीकार नहीं करते। इस मुद्दे पर वित्त मंत्री ने बताया कि कोई ग्राहक चाहे जितने भी सिक्के हों, अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं। सभी सिक्के मान्य हैं और उन्हें जमा किया जा सकता है। इसके लिए रिजर्व बैंक ने गाइडलाइंस जारी कर दिये हैं। बैंकों को भी इसके बारे में कहा गया है।
उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में एसीपी (वार्षिक ऋण योजना) की हालत खराब है, कई जिलों में एसीपी का टारगेट पूरा नहीं हुआ है। एसीपी का टारगेट पूरा होगा तभी विकास लक्ष्य की प्राप्ति होगी। एसीपी का टारगेट 1 लाख 30 हज़ार करोड़ है।