PATNA. पटना हाईकोर्ट में राज्य में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट के पर्याप्त संख्या नहीं होने के मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ ने मुकेश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने के लिए 19अप्रैल, 2024 तक मोहलत दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशान्त सिन्हा ने कोर्ट को बताया है कि राज्य में लगभग दस हजार अस्पताल है,जबकि निबंधित फरमासिस्टों की संख्या 6 सौ से कुछ अधिक है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि डॉक्टरों द्वारा लिखें गए पर्ची पर निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा दवा नहीं दी जाती है। बहुत सारे सरकारी अस्पतालों में अनिबंधित नर्स,एएनएम,क्लर्क ही फार्मासिस्ट का कार्य करते है। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि बिना जानकारी और योग्यता के ही ये लोग मरीजों को दवा देते है।जबकि ये कार्य निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा किया जाना है।
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि फार्मेसी एक्ट,1948 के तहत फार्मेसी से सम्बंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों के अलग अलग पदों का सृजन किया जाना चाहिए।लेकिन बिहार सरकार ने इस सम्बन्ध में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। इस मामलें पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल,2024 को की जाएगी।