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बिहार सरकार ने हड़ताली नियोजित शिक्षकों पर बढ़ाया प्रेशर,कहा- मौका गवांइए मत,19 मई के बाद सारा अवसर हाथ से निकल जाएगा

बिहार सरकार ने हड़ताली नियोजित शिक्षकों पर बढ़ाया प्रेशर,कहा- मौका गवांइए मत,19 मई के बाद सारा अवसर हाथ से निकल जाएगा

Patna : बिहार में नियोजित शिक्षकों के चल रहे अनिश्चितकालीन हड़ताल के बीच एक बड़ी खबर है। शिक्षा विभाग के द्वारा हड़ताली नियोजित शिक्षकों को लेकर एक नया निर्णय लिया है। राज्य प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत कुमार ने बताया है कि हड़ताल पर गए शिक्षक अगर अपनी नौकरी ज्वाइन कर लेंगे तो उनके खिलाफ कोई निलंबन की कार्रवाई भी वापस ली जाएगी। मतलब साफ है कि हड़ताल पर गए शिक्षकों को एन केन प्रकारेण जॉइनिंग कराने की कोशिश जारी है साथ ही यह भी कि हड़ताल पर गए शिक्षकों को दवाब बनाकर हड़ताल को तोड़ा जाय।

हड़ताली शिक्षक 19 मई तक कर ले जॉइन नहीं तो...

बता दें कि शिक्षा विभाग की प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत कुमार सिंह ने कह दिया है कि हड़ताल पर गए शिक्षक डीईओ और बीइओ कार्यालय में जाकर फिर से ज्वाइन कर सकते हैं. अगर वह ऐसा नहीं कर सकते तो नियोजित शिक्षक नियमावली के तहत अगर उनकी सेवा में 3 माह का ब्रेक आता है तो किसी भी शिक्षकों को शिक्षक को किसी भी हालत में बाद में ज्वाइन नहीं कराया जाएगा.इसलिए हर हाल में 19 मई तक हड़ताल पर गए शिक्षकों को अपनी नौकरी ज्वाइन करनी है .

उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि हड़ताली शिक्षकों की मांग पर विचार किया जाएगा लेकिन इस महामारी में वेतन बढ़ोतरी बिल्कुल संभव नहीं है .हां वेतन वृद्धि छोड़कर बाकी मांगों पर लाखों के बाद हैं विचार संभव है।

17 फरबरी से हैं हड़ताल पर शिक्षक,19 मई को हो जाएगा तीन महीना पूरा

गौरतलब है कि प्रदेशभर के तकरीबन पौने चार लाख शिक्षक पिछले 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. हड़ताल पर जाने से पहले शिक्षकों के द्वारा द्वारा अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने बातचीत का प्रस्ताव भी रखा गया था उसी दौरान बिहार शिक्षक समन्वय संघर्ष समिति ने सरकार के सामने स्पष्ट राय रख दी थी कि अगर हम लोगों की मांगे नहीं मानी जाएगी तो हम लोग 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे .

वहीं दूसरी तरफ हड़ताल के भी साथ नियोजित शिक्षकों की मौत हो चुकी है बता दें कि बिहार के हजारों शिक्षक काफी दिनों से समान काम के लिए समान वेतन समेत कई सेवा शर्त समेत कई अन्य मांगों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे हैं .

वहीं शिक्षकों के हड़ताल का ही परिणाम है कि अभी तक मैट्रिक कॉपियों का मूल्यांकन तक नहीं हो पाया है. एक तरफ सरकार जहां बातचीत के मूड में नहीं दिख रही तो दूसरी तरफ हड़ताली शिक्षकों की तरफ से भी कोई बातचीत का मूड नहीं दिखाया जा रहा अब ऐसे में देखना होगा कि शिक्षकों के हड़ताल को लेकर क्या कुछ होता है।

विवेकानंद की रिपोर्ट

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