PATNA: बिहार के नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से हीं हड़ताल पर हैं. इस दौरान अब तक राज्य सरकार की तरफ से शिक्षकों से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया .शिक्षक संघों के प्रतिनिधि लगातार सरकार से मांग करते रहे कि हमारी बात को सुनी जाए और हमारे साथ वार्ता हो लेकिन राज्य सरकार ने शिक्षक संघ की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है.
अब शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर से नियोजित शिक्षकों से अपील किया है कि जो शिक्षक हड़ताल पर हैं वह हड़ताल वापस ले लें और मानवता की सेवा में अपना योगदान दें . शिक्षा मंत्री ने अपने अपील में कहा है कि सरकार शिक्षकों की सेवा शर्त में सुधार हेतु संवेदनशील रही है इसलिए शिक्षकों एवं शिक्षक संगठनों से अपील है कि वे विषम परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए हड़ताल से वापस आकर कार्य पर अपना योगदान दें.
राजद ने नीतीश सरकार पर उठाए सवाल
बिहार सरकार की इस अपील पर राजद ने सवाल उठाए हैं।राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री कृष्णंदन प्रसाद वर्मा द्वारा की गई अपील में नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त पर संवेदनशीलता की बात कहना पूरी तरह से हास्यास्पद और घोर आपत्तिजनक है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि इससे सरकार की कार्यशैली भी परिलक्षित होती है। 16 मई 2015 को सरकार द्वारा जारी संकल्प में राज्य के नियोजित शिक्षकों के सेवा शर्त नियमावली बनाने हेतु एक उच्चस्तरीय अधिकारियों की कमेटी बनाई गई थी।साथ हीं यह निर्देश जारी किया गया कि 3 महीने के अंदर सेवा शर्त का निर्धारण करा कर लागू कर दिया जाएगा।मगर 5 वर्ष से अधिक बीत जाने के उपरांत भी सेवा शर्त का का निर्धारण नहीं होना सरकार की शिक्षा और शिक्षकों के प्रति संवेदनशीलता खुद-ब-खुद बयां करती है।