PATNA: बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन के संबंध में एक बार फिर से अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है ।शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सभी डीईओ और डीपीओ को आदेश दिया है कि जो शिक्षक हड़ताल पर नहीं है अथवा हड़ताल से वापस आकर विद्यालय में योगदान दे चुके हैं उनके कार्यरत अवधि का भुगतान अविलंब सुनिश्चित किया जाए।
अपने पत्र में अपर मुख्य सचिव ने कहा है की हड़ताल की अवधि के लिए नो वर्क नो पे के सिद्धांत का पालन करते हुए वेतन का भुगतान नहीं किया जाए। लॉक डाउन के कारण कई विद्यालयों में क्वॉरेंटाइन सेंटर के रूप में संचालित किया जा रहा है ।इन विद्यालयों में संबंधित शिक्षक की सेवा ली जा सकती है। यदि कोई शिक्षक लॉक डाउन के कारण किसी अन्य जिलों में रह रहे हैं, इसकी सूचना संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी को देते हुए उनकी सेवा विद्यालय में संचालित की जा सकती है ।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि कक्षा 1 से लेकर 12 तक के सभी शिक्षकों के वेतन आदि को त्वरित भुगतान करें। सिर्फ जो शिक्षक हड़ताल पर नहीं है अथवा हड़ताल पर कुछ अवधि तक रहने के उपरांत विद्यालय में योगदान कर लिए उनके फरवरी 2020 तक के कार्यरत अवधि के वेतन भुगतान का आदेश पहले निर्गत किया जा चुका है।
अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि लॉक डाउन के कारण सभी सरकारी विद्यालय बंद हैं कतिपय हड़ताली शिक्षक विद्यालय में योगदान देने की इच्छुक हैं और विद्यालय बंद रहने के कारण उनको योगदान देने में कठिनाई हो रही है ।इसे ध्यान में रखकर यह निर्देश दिया जाता है कि जो शिक्षक हड़ताल से वापस आकर विद्यालय में योगदान के इच्छुक हैं उन्हें प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के संबंध में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं माध्यमिक उच्च माध्यमिक विद्यालय के संदर्भ में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को अपना योगदान से संबंधित आवेदन व्हाट्सएप -ईमेल के माध्यम से आवेदन संबंधित शिक्षक अपने उस मोबाइल नंबर से देंगे जिस पर वेतन भुगतान होने पर बैंक के द्वारा उन्हें एस एम एस के माध्यम से सूचित किया जाता है .
संबंधित अधिकारी को यदि हड़ताली शिक्षक के द्वारा विद्यालय में योगदान करने के संबंध में आवेदन उनके व्हाट्सएप या ईमेल पर प्राप्त हो तो उसे औपबंधिक रूप से स्वीकृति करने की सूचना संबंधित शिक्षक को देते हुए सूचित किया जाए कि विद्यालय खुलने पर योगदान देने के उपरांत इस औपबंधिक सूची को अंतिम रूप से स्वीकृत माना जाएगा।