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बिहार IMA का CM नीतीश से गुहार, प्रशासन कर रहा मनमानी,ऑक्सीजन के बिना नन कोविड मरीजों की हो सकती है मौत

बिहार IMA का CM नीतीश से गुहार, प्रशासन कर रहा मनमानी,ऑक्सीजन के बिना नन कोविड मरीजों की हो सकती है मौत

पटनाः बिहार में कोरोना से कोहराम के बीच आईएमए ने मुख्यमंत्रई नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। सीएम को भेजे पत्र में पटना जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये गए हैं। आईएमए ने गिने-चुने अस्पतालों को ही ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का आरोप लगाया है। जिस तरह की व्यवस्था है वैसे में अधिकांश निजी अस्पतलों को बंद करना पड़ेगा। 

पटना जिला प्रशासन पर आरोप

बिहार आईएमए ने सीएम नीतीश को लिखे पत्र में कहा है कि कोविड-19 की इस विषम स्थिति में सरकार एवं चिकित्सकों द्वारा कोविड एवं नन कोविड रोगियों के जान की रक्षा सभी अस्पतालों में यथा संभव की जा रही है। नन कोविड गंभीर रोगियों की संख्या भी काफी अधिक है जिनकी मृत्यु ऑक्सीजन एवं समुचित ईलाज के अभाव में हो सकती है। प्रशासन द्वारा केवल गिने-चुने अस्पतालों को ऑक्सीजन की आपूर्ति किया जाना एक गंभीर विषय है। 21 अप्रैल को पटना जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की गयी थी जिसमें आई. एम. ए. बिहार के अध्यक्ष को भी बुलाया गया था। बैठक में जिलाधिकारी शामिल नहीं हो सके थे लेकिन दूरभाष पर सिविल सर्जन पटना को दिये गये निर्देश के आलोक में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किया गया था -

‘‘चिकित्सकों द्वारा संचालित जिले के सभी अस्पतालों में क्षमतानुसार कोविड एवं नन कोविड मरीजों का ईलाज हो रहा है। इन अस्पतालों में उपब्लध सुविधाओं का उल्लेख करते हुए कोविड एवं नन कोविड रोगियों के सुगम एवं निर्वाध ऑक्सीजन आवंटन हेतू सिविल सर्जन द्वारा आवेदन आमंत्रित किया जाय।’’सभी अस्पतालों के संचालक अपने अस्पताल का टेलीफोन, कार्यरत चिकित्सकों के नाम, पता, विशेषज्ञता, मेडिकल कांउसिल का निबंधन प्रमाण पत्र, बेडस की संख्या, भेंटीलेटर की संख्या एवं अन्य उपलब्ध सुविधाओं का जिक्र करते हुए पटना सिविल सर्जन कार्यालय में आवेदन देंगे जिसपर सिविल सर्जन क्षमता के अनुसार ऑक्सीजन एवं दवाओं की आपूर्ति कराने की कृपा करेंगे।’ बैठक में सिविल सर्जन द्वारा पटना के 86 अस्पतालों को कोविड के ईलाज के लिए अधिसूचित करने की सूचना दी गयी तथा यह तय हुआ कि चूॅंकि सभी अस्पतालों में कोविड के मरीज आ रहे है इसलिए अस्पतालों को उपलब्ध सुविधा के अनुसार कोविड एवं नन कोविड के गंभीर मरीजों के ईलाज के लिए स्वीकृति देते हुए ऑक्सीजन  की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी। 

 उपर्युक्त बैठक के बाद आवेदन के आधार पर चार और अस्पतालों को भी कोविड के ईलाज के लिए स्वीकृति दी गयी है। कई अन्य अस्पतालों द्वारा आवेदन दिये गये हैं एवं दिये जा रहे हैं। लेकिन सिविल सर्जन द्वारा आई. एम. ए. बिहार को बताया गया है कि पटना जिला प्रशासन के आदेश पर अन्य किसी भी अस्पताल को कोविड के ईलाज के लिए स्वीकृति नहीं दी जायेगी और न हीं  ऑक्सीजन की आपूर्ति की जायेगी। इस कारण कोविड एवं नन कोविड दोनों तरह के गंभीर रोगियों के जान को नुकसान होने की संभावना है।ऑक्सीजन  की अनुपलब्धता से बाध्य होकर उपर्युक्त 90 अस्पतालों के अलावा अन्य निजी अस्पतालों के बंद हो जाने की नौबत है। इस गंभीर विषय पर आपके अविलंब हस्तक्षेप की जरूरत है। 

 मरीजों के ईलाज एवं ऑक्सीजन की जरूरत के संबंध में केवल चिकित्सकों की मुख्य भूमिका होनी चाहिए न की प्रशासन की। प्रशासन केवल ऑक्सीजन एवं अन्य जरूरी दवाओं की उपलब्धता एवं कालाबजारी को रोकने में अपनी भूमिका निभाए। आई. एम. ए. बिहार ने महामारी के आलोक में चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के अविलंब बहाली का आपसे आग्रह किया था जिसपर आपके द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए बहाली की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया, जिसका आई.एम. ए. बिहार स्वागत करता है। लेकिन चिकित्सकों की नियुक्ति केवल तीन महीने के लिए की जा रही है, इससे उनकी उपलब्धता में भारी कमीं होगी। वर्तमान महामारी को देखते हुए जितने भी उपलब्ध चिकित्सक है उन्हें वाॅक-इन-इनटरव्यू द्वारा नियमित अथवा संविदा पर बहाल किया जाना चाहिए। साथ-हीं-साथ कोविड काल में कार्य करने के लिए उन्हें विशेष प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए।



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