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CM नीतीश के दफ्तर से भेजे गए 'आवेदन' को भी दबा कर बैठ जाते थे DSP साहब, अब एक्शन की तैयारी

CM नीतीश के दफ्तर से भेजे गए 'आवेदन' को भी दबा कर बैठ जाते थे DSP साहब, अब एक्शन की तैयारी

PATNA: बिहार के तत्कालीन शिक्षा मंत्री के पीए के घर पर मछली भात के भोज में शामिल होने के आरोप में निलंबित चल रहे तत्कालीन एसडीपीओ की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. जहानाबाद के तत्कालीन एसडीपीओ प्रभात प्रभात भूषण श्रीवास्तव जो निलंबित हैं उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया गया है. इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया है.

विभागीय कार्यवाही संचालन के लिए पटना के आईजी संजय सिंह को संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया है. वही, जहानाबाद के अपर पुलिस अधीक्षक हरिशंकर कुमार को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है. विभाग ने आदेश दिया है कि आरोपी एसडीपीओ 10 कार्य दिवस के अंदर स्वयं उपस्थित होकर पक्ष रखें। 

जहानाबाद के तत्कालीन एसडीओ प्रभात भूषण श्रीवास्तव पर मुख्यमंत्री के परिवाद पर भी जांच नहीं करने और परिवाद पत्र को दबाने का आरोप है. गृह विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि तत्कालीन एसडीपीओ ने बिहार मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के जांच प्रतिवेदन को भी दबाया . इसके अलावा मुख्यमंत्री जनता दरबार से प्राप्त परिवाद  2017 में 9, 2018 में 245 एवं 2019 के 172 परिवाद पत्र को जांच हेतु लंबित रखा गया. कई बार उन्हें जांच कर प्रतिवेदन समर्पित करने को भी कहा गया लेकिन उन्होंने जांच समर्पित नहीं किया.  यह आचरण कर्तव्य के प्रति लापरवाही अनुशासनहीनता तथा पुलिस की छवि धूमिल करने का परिचायक है.

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