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नीतीश राज में फोल्डर स्कैम! 1.10 लाख शिक्षकों के फोल्डर गायब, शिक्षा विभाग ने नियोजन इकाई को दी अंतिम चेतावनी

नीतीश राज में फोल्डर स्कैम! 1.10 लाख शिक्षकों के फोल्डर गायब, शिक्षा विभाग ने नियोजन इकाई को दी अंतिम चेतावनी

PATNA: पटना हाईकोर्ट के सख्त रूख के बाद अब शिक्षा विभाग की नींद खुली है. शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पंचायती राज संस्था के तहत प्राथमिक-मध्य विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र निगरानी विभाग को उपलब्ध कराने का अंतिम पत्र दिया है.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पत्र लिखकर कहा है कि सभी नियोजन इकाई के सदस्य सचिव निगरानी विभाग के प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी के साथ समन्वय स्थापित कर जांच से संबंधित अवशेष फोल्डर एवं मेधा सूची नोडल पदाधिकारी को उपलब्ध कराएं.निगरानी विभाग के साथ-साथ प्रतिवेदन 23 दिसंबर 2020 विभाग को भी उपलब्ध कराएं.

प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि पटना हाईकोर्ट में राज्य सरकार बनाम रंजीत पंडित एवं अन्य में 30 जनवरी 2020 को पारित आदेश से यह तथ्य दृष्टिगत हुआ है की अब तक नियोजन इकाईयों ने 110410 शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र निगरानी को उपलब्ध नहीं कराये हैं. निदेशक ने सभी अधिकारियों को हर हाल में 23 दिसंबर तक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.


11 दिसंबर को पटना हाईकोर्ट में हुई थी सुनवाई

बता दें,व11 दिसंबर को पटना हाईकोर्ट ने सूबे के सरकारी स्कूलों में कथित तौर पर बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों के आधार पर सेवा में बने शिक्षकों के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से आगामी 9 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया था। चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि जवाब देने के लिए राज्य सरकार को यह आखिरी मोहलत दी गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने अदालत को बताया कि राज्य के स्कूलों में बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। आगे, उन्होंने कोर्ट को बताया कि ऐसे शिक्षकों की संख्या लाख में है। निगरानी विभाग की ओर से कहा गया कि ऐसे अवैध रूप से सरकारी सेवा में बने शिक्षकों के मामले की जांच में बाधा का सामना करना पड़ रहा है।


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