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'दागी' दारोगा-इंस्पेक्टरों को मिलेगी थानेदारी या आगे भी काटेंगे वनवास.....संघ ने सरकार से लगाई गुहार

'दागी' दारोगा-इंस्पेक्टरों को मिलेगी थानेदारी या आगे भी काटेंगे वनवास.....संघ ने सरकार से लगाई गुहार

PATNA: बिहार में बढ़ते क्राइम पर कंट्रोल को लेकर सरकार ने दारी थानेदारों को हटाने का फैसला लिया था।वैसे पुलिस पदाधिकारी जिनपर विभागीय कार्यवाही संचालित थी या फिर जिन पर ब्लैक मार्का लगा था वैसे थानेदारों से एक झटके में थानेदारी छीन ली गई थी।2019 के अगस्त महीने में इस जद में करीब पांच सौ दारोगा और इंस्पेक्टर आ गए थे जिनकी थानेदारी या फिर अचंल निरीक्षक का पद चला गया था।

सरकार के इस निर्णय से कुछ फायदा हुआ तो इसमें परेशानी भी हुई।जिलों में थाना में थानेदार और अँचल में निरीक्षक की तैनाती के लिए पुलिस पदाधिकारी कम पड़ने लगे।इस निर्णय से बहुत सारे वैसे भी पुलिस पदाधिकारी फंस गए जिनका ब्लैक मार्का की समय अवधि सालों पहले खत्म हो गई बावजूद इसके सरकार के नए निर्णय से वे थानाध्यक्ष बनने से वंचित हो गए।दूसरा यह कि उनपर दागी होने का धब्बा लग गया।

सरकार के निर्णय से अफसरों की हो गई कमी और बढ़ने लगा अपराध

अंदर हीं अंदर सरकार के इस निर्णय का विरोध भी होते रहा।दूसरी तरफ सरकार जिस मकसद यानि थानों में भ्रष्टाचार खत्म करने और कानून व्यवस्था दुरूस्त करने को लेकर जो नया प्रयोग किया था उससे भी कोई फायदा होते नहीं दिख रहा।

गृह सचिव से फरियाद

अब सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई गई है।पुलिस एसोशिएशन ने गृह सचिव से मिलकर दागी वाले शब्द पर पुनर्विचार का आग्रह किया है।एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने गृह सचिव आमिर सुबहानी से मिलकर दारोगा-इंस्पेक्टर की तरफ से पक्ष रखा है।बाताया जाता है कि मुख्यमंत्री के पास दागी अफसरों पर रियायत देने को लेकर फाईल गई थी।लेकिन उन्होंने विमर्श करने को कहा है।

संघ के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि आज गृह सचिव से मुलाक़ात कर जिनको दाग़ी कह कर पुलिस के मुख्य धारा से हटाया गया है उनकी बात को मज़बूती से रखा ।सरकार के संकल्प आदेश के कुछ बिंदु का बिहार पुलिस एसोंसीएशन द्वार बराबर प्रतिकार किया गया गया है । हमने कहा की बिहार के कुछ बेहतर पुलिस पदाधिकारीयो को  दाग़ी कह कर पुलिस के मुख्यधारा (पुलिसिंग )से हटाया गया है , वे सारे अच्छे पुलिस अधिकारी है । जो काम करता है उसीसे छोटी या बड़ी ग़लती होती है।उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री जी ने फ़ाईल पर विमर्श लिखा है । गृह सचिव ने हमारी मांग पर आश्वासन दिया है।

 बिहार में 1075 थाने एवं 225 ओपी हैं

बता दें कि बिहार में 1075 थाने एवं 225 ओपी हैं, जबकि बिहार में करीब 1400 इंस्पेक्टर और 9000 दारोगा हैं। बिहार में अब थानाध्यक्ष के अलावा 2 अपर थानाध्यक्ष को मिलाकर करीब 3500 इसंपेक्टर-सब इंस्पेक्टर चाहिए। वर्तमान में इसंपेक्टर और दारोगा की जितनी संख्या बल है, उसमें 1994 बैच वालों में दागी की संख्या काफी है। 

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