SUPAUL: लोक आस्था का महापर्व छठ मनाने को लेकर यूं तो बिहार के कई नदियों की अपनी-अपनी महत्ता है, लेकिन भारत नेपाल सीमा पर बने कोसी बराज के कोसी नदी के एक ही घाट पर दशकों से दोनों देश के छठ व्रती और श्रद्धालु छठ मनाने के लिए पहुंचते हैं. यह दृश्य अपने आप में अनोखा होता है.
चार दिवसीय छठ महापर्व को लेकर छठ व्रतियों ने छठ के पहले दिन नहाए खाए की शुरुआत कोसी नदी में आस्था की डुबकी लगाकर की. महा पर्व के मौके पर कोसी बराज को दुल्हन की तरह सजाया गया है. आयोजक मंडल के द्वारा घाटों का निर्माण घाटों की सफाई प्रकाश की व्यवस्था मेडिकल व्यवस्था के साथ साथ नेपाल आर्मी फोर्स नेपाल पुलिस और स्थानीय 5 दर्जन से अधिक स्वयंसेवकों के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी बड़े पैमाने पर रखी जाती है.
खास कर कमेटी के युवक और युवती को भी पूजा के मद्देनजर घाटों के इर्द-गिर्द नजर बनाए रखने के लिए लगाया जाता है, ताकि छठ व्रती और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या ना हो और वे आसानी से लोक आस्था का महापर्व छठ के घाट पर पहुंच सकें और श्रद्धा भाव से पूजा पाठ कर सके.