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उग्रवाद प्रभावित इलाकों में जर्जर जीप से हो रही है गश्ती, पुलिसकर्मियों को सता रहा है जान का डर

उग्रवाद प्रभावित इलाकों में जर्जर जीप से हो रही है गश्ती, पुलिसकर्मियों को सता रहा है जान का डर

NAWADA : एक तरफ पुलिस के अालाधिकारी हाईटेक होने की बात कहते हैं वहीं दूसरी ओर अभी भी गश्ती के लिए बाबा आदम जमाने की जीप का इस्तेमाल हो रहा है। नवादा में ऐसी ही एक पुलिस जीप को धक्का लगाते देखा गया जब वह चलते-चलते बीच सड़क पर बंद हो गयी। पुलिस के जवान हथियार छोड़कर जीप को धक्का लगा रहे थे। उग्रवाद प्रभावित इलाकों में जर्जर जीप से गश्ती को लेकर पुलिसकर्मियों को अपनी जान का डर सता रहा है।

अक्सर खबरों में पढ़ने-सुनने के लिए मिलता है कि पुलिस के आधुनिकीकरण पर लाखों रुपये खर्च किए जायेंगे। आधुनिक हथियार और लेटेस्ट मॉडल के वाहन पुलिस को गश्ती के लिए दिए जायेंगे लेकिन लगता है कि वो सब केवल हवा-हवाई बातें रहती हैं। क्या ऐसी ही जीप से पुलिस अपराधियों का पीछा करेगी...आम लोगों के बीच भी नवादा का यह नजारा चर्चा में रहा। नवादा के रजौली थाना की पुलिस की यह जीप बतायी जा रही है। अब तो गश्ती दल के जवान भी इस जीप पर चढ़ने से कतराने लगे हैं। दबी जुबान में उनका कहना है कि जब बीच सड़क पर जीप खराब हो जाती है तो हमलोग हंसी के पात्र बन जाते हैं।  

बता दें कि नवादा पुलिस के पास पुरानी महेन्द्र जीप है, जो अक्सर खराब हो जाती है। इस जीप से उग्रवाद प्रभावित रजौली इलाके में गश्ती की जाती है। बुरे वक्त में गाड़ी पुलिसकर्मियों को ढोकर सही जगह पर क्या पहुंचा पाएगी क्योंकि वाहन की जर्जरता के कारण पुलिसकर्मियों को ही उसे ढोना पड़ रहा है।

क्या सरकार इसी तरह के ठेलकों गाड़ियों के बल पर अपराध व उग्रवाद पर नियंत्रण करना चाह रही है ? पुलिसकर्मियों ने साफतौर पर कहा कि उग्रवादी इलाकों में इस जीप से गश्ती करने पर हमेशा खतरा बना रहता है। उन्होंने वरीय पुलिस-पदाधिकारियों से इस बदलने की गुहार लगायी है। 

नवादा से अमन सिन्हा की रिपोर्ट

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