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परिवहन विभाग का खेल निराला: MVI की सरकारी जांच मशीन के साथ लगाई ड्यूटी, फिर भी निजी मोबाइल वैन पर लाखों रू का हो रहा खर्च,सरकारी राशि का भारी अपव्यय !

परिवहन विभाग का खेल निराला: MVI की सरकारी जांच मशीन के साथ लगाई ड्यूटी, फिर भी निजी मोबाइल वैन पर लाखों रू का हो रहा खर्च,सरकारी राशि का भारी अपव्यय !

पटनाः  राजधानी पटना में वाहनों के प्रदूषण-फिटनेस जांच के नाम पर लाखों की सरकारी राशि के अपव्यय की बात सामने आ रही है।यह हम नहीं कह रहे बल्कि परिवहन विभाग का वह पत्र हीं विभागीय अधिकारियों की करनी की पोल खोल रहा।एक तरफ परिवहन विभाग ने अपने 5 नवंबर के आदेश में कहा है कि पटना में वाहनों के प्रदूषण-फिटनेस जांच के लिए प्रतिनियुक्त चारो एमवीआई को केंद्र सरकार की तरफ से दी गई स्मोकमीटर और गैस एनालाईजर उपकरण जो पूरी तरह से ऑटोमैटिक है उसे साथ लेकर आना है। उसी पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि पटना में वाहन जांच का विशेष अभियान 6 नवंबर से शुरू होने वाला है जो अगले आदेश तक चलेगा। लिहाजा आप सभी चारो एमवीआई अपने-अपने उपकरण के साथ आयें ताकि पटना में विशेष अभियान चलाई जा सके।

सरकारी राशि का भारी अपव्यय

वहीं उसी पत्र के तीसरे कॉलम में यह भी उल्लेख किया गया है कि जांच में प्रयुक्त मोबाईल पॉल्यूशन वैन पर होने वाले खर्च का वहन जिला परिवहन कार्यालय पटना के व्यवसायिक मद से किया जाएगा।जानकारों का कहना है कि जब एमवीआई की मशीन के साथ ड्यूटी लगी है कि तो फिर इस तरह के आदेश का क्या मतलब है।परिवहन विभाग के इस आदेश से हर दिन 24 हजार रू की सरकारी राशि का अपव्यय हो रहा है।सूत्रों ने बताया कि इसके पीछे बड़ा खेल है।दरअसल सरकार ने सभी एमवीआई को जो उपकरण दिए हैं रख-रखे खराब हो गए हैं।कई जगहों पर तो आज तक उस मशीन को खोला तक नहीं गया।लिहाजा दिखावे के लिए उपकरण के साथ आने का आदेश दिया गया है,वहीं उसी पत्र में नीचे निजी एजेंसी से जांच कराने का भी आदेश दे दिया गया है।राशि कहां से व्यय होगी उसका भी उसी पत्र में उल्लेख कर दिया गया है।

एमवीआई सरकारी मशीन से जांच करना शान के खिलाफ समझते हैं

वर्तमान में अभी राजधानी पटना में जहां भी वाहन जांच हो रहे वहां एमवीआई के उपकरण से जांच नहीं हो रहा।हो भी कैसे उनका मशीन तो काम हीं नहीं करता या फिर सरकारी मशीन से जांच करना अपनी शान के खिलाफ समझते हैं।लिहाजा निजी मोबाईल वैन के माध्यम से गाड़ियों की जांच की जा रही है।

कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं

पोल खुलने से डर से इस मुद्दे पर कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।न्यूज4नेशन ने इस मुद्दे को लेकर परिवहन सचिव से भी पक्ष लेने की कोशिश की लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी। हमने परिवहन सचिव को उक्त पत्र को भेजकर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिल सका।


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