बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सत्ता के गलियारे में सरकार का विरोध, आंदोलन के 4 दिन बाद भी कोई पहल नहीं करने से सचिवालय कर्मियों में भारी गुस्सा

सत्ता के गलियारे में सरकार का विरोध, आंदोलन के 4 दिन बाद भी कोई पहल नहीं करने से सचिवालय कर्मियों में भारी गुस्सा

PATNA: सत्ता के गलियारे में बैठने वाले सरकारी कर्मी बिहार सरकार की नीति से परेशान हैं.सरकार की टालमटोल नीति की वजह से सचिवालय कर्मियों के सब्र का बांध अब टूट गया है. सरकार के गैर जिम्मेदार रवैया की वजह से कर्मियों में गंभीर आक्रोश है.इसके बाद अब सचिवालय सेवा संघ ने विरोध पर उतर गए हैं.सचिवालय कर्मी 29 जून से 3 जुलाई तक काला सप्ताह मना रहे हैं।सचिवालय कर्मी काली पट्टी बांध कर ड्यूटी कर रहे।आज आँदोलन का चौथा दिन है बावजूद इसके अब तक सरकार ने कोई सुध नहीं ली है।जिससे कर्मियों में भारी गुस्सा है।

 बिहार सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार और महासचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार सचिवालय सेवा संघ आंदोलन को सफल बनाने को लेकर सचिवालय सेवा और बिहार लिपिक सेवा के सभी सदस्य काली पट्टी बांध कर काम कर रहे।

सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष और महासचिव ने कहा कि सरकार से वार्ता के 4 महीने बाद भी उस पर अमल नहीं किया गया। पत्र में कहा गया है कि संघ और सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव के बीच 26 फरवरी 2020 को वार्ता हुई थी।वार्ता में सचिवालय सहायकों का पद नाम परिवर्तित किए जाने से संबंधित आदेश 10 दिनों में निर्गत किए जाने तथा प्रोन्नति के संबंध में कार्यकारी व्यवस्था के तहत उच्चतर पद का प्रभार देने के मामले में अप्रैल माह तक निर्णय लिए जाने का आश्वासन दिया गया था. जिसके बाद संघ ने 3 दिनों का अपना आंदोलन वापस ले लिया था।लेकिन 4 महीना बीत उस समझौते का अनुपालन नहीं हुआ। 

संघ ने कहा है कि 4 माह के बाद भी पद नाम परिवर्तन नहीं किया जाना तथा प्रोन्नति के संबंध में निर्णय नहीं लिए जाने से सचिवालय कर्मियों में रोष व्याप्त है. बिहार सचिवालय सेवा के अधिकांश उच्च पद रिक्त हैं तथा प्रोन्नति का मामला लंबे समय से अवरुद्ध है. बार-बार आश्वासन के बावजूद मांगो पर अंतिम रूप नहीं दिए जाने से सचिवालय सेवा के कर्मी काफी आहत हैं. 

संघ ने कहा कि बिहार सचिवालय सेवा के सचिवालय सहायक का पदनाम परिवर्तित कर केंद्र सरकार के अनुरूप सहायक प्रशाखा पदाधिकारी करने का मामला सरकार के समक्ष पिछले 5 वर्षों से विचाराधीन है, इस संबंध में दो बार उच्चस्तरीय वार्ता भी हुई है. सचिवालय सेवा द्वारा तीसरी बार आंदोलन किया जा रहा है.  विदित हो कि केंद्र एवं आसपास के सभी राज्यों में पदनाम परिवर्तन बहुत पहले किया जा चुका है, परंतु सामान्य प्रशासन विभाग की हठधर्मिता के कारण बिहार सचिवालय सेवा  के  सचिवालय सहायक का पदनाम परिवर्तन का मामला विगत 05 वर्षों से लंबित है. इस बार बिहार सचिवालय सेवा संघ द्वारा किसी प्रकार के समझौते के मूड में नहीं है और यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा। साथ ही सचिवालय सहायक के लगभग 60%  पद रिक्त होने के कारण कार्य बोझ की बात बताई गई हैं।

Suggested News