बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

बिहार के समीकरण की सटीक तस्वीर: चुनावी अखाड़े में एक तरफ एकजुट NDA दूसरी ओर बिखरा विपक्ष

बिहार के समीकरण की सटीक तस्वीर: चुनावी अखाड़े में एक तरफ एकजुट NDA दूसरी ओर बिखरा विपक्ष

PATNA: बिहार में लोकसभा चुनाव का मैदान तैयार है. एनडीए ने अपने पहलवानों को चुनावी अखाड़े में उतार दिया है. लेकिन मैदान में महागठबंधन का पहलवान कौन होगा यह स्पष्ट नहीं है. वैसे तो यह सर्व विदित है कि चुनावी रण में एक तरफ एनडीए के पहलवान होंगे वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के, लेकिन महागठबंधन के नेताओं को मैदान में अपने पहलवान उतारनें में अबतक सफलता नहीं मिली है. उम्मीदवारों के चयन में उन्हें नाको चने चबाने पड़ रहे हैं. कई सीटों के लेकर अपने सहयोगियों से तो जिच कायम है हीं अब तो उम्मीदवारों को लेकर खुद की पार्टी में भी बगावत शुरू हो गई है.

एकजुट NDA से बिखरे विपक्ष के बीच होगा मुकाबला

अब तक की जो स्थिति है उससे यही कहा जा सकता है कि एक तरफ एनडीए पूरी तरह से एकजुट है. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के भीतर सिर-फुटौव्वल है. महागठबंधन के सहयोगी दल में ही नहीं बल्कि राजद-कांग्रेस के भीतर भी सीट को लेकर काफी विवाद है. कांग्रेस की स्थिति तो और भी खराब है. औरंगाबाद, कटिहार सहित कई अन्य सीटों को लेकर कांग्रेस के नेता खुलकर प्रदेश नेतृत्व पर आरोप लगा रहे हैं. दो चरणों के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है लेकिन कांग्रेस की स्थिति ऐसी है कि अभी तक कांग्रेसी दिल्ली दरबार का चक्कर लगा रहे हैं.

राजद की भी कुछ वही स्थिति है

महागठबंधन के भीतर सबसे बड़े दल राजद में भी सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. सीतामढ़ी ,उजियारपुर लोकसभा सीट को लेकर खुलकर विवाद सामने आ गया है. सीतामढी सीट पूर्व सांसद सीताराम यादव का टिकट कटनें की संभावना से ही उनके समर्थक पिछले दो दिनों से राबड़ी आवास से लेकर प्रदेश कार्यालय तक हंगामा कर रहे हैं. शनिवार को राजद कार्यकर्ताओं नें राबड़ी देवी के आवास पर हंगामा किया था वहीं रविवार को नाराज समर्थकों नें प्रदेश अध्यक्ष के चैंबर में घुसकर जमकर ड्रामा किया. एनडीए को चुनावी अखाड़ा में पटखनी देने के लिए विपक्षी पार्टियों के गोलबंदी की बिहार में हवा निकली हुई है. वामपंथी पार्टियों को महागठबंधन के भीतर भाव नहीं देने की वजह से कई सीटों पर वाम पार्टियां अपना उम्मीदवार उतारेंगी. बेगूसराय से कन्हैया कुमार के चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है. अगर कन्हैया चुनाव लड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में बेगूसराय में त्रिकोण मुकाबला हो जाएगा जिसका सीधा लाभ बीजेपी को होगा. वहीं कई अन्य सीट पर वामपंथियों के चुनाव मैदान मे उम्मीदवार उतारने से मुकाबला त्रिकोणात्मक होने की पूरी संभावना है.

भीतरघात की भी पूरी संभावना

जिस तरह से राजद कांग्रेस में सीटों को लेकर विवाद जारी है उससे एक बात स्पष्ट हो गयी है कि इस खायी को पाटना इतना आसान नहीं होगा. चुनाव के दरम्यान भीतरघात की पूरी संभावना है. औरंगाबाद कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है लेकिन उक्त सीट को हम पार्टी के खाते मे डाल दिया गया है. इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस के भीतर उबाल है. उग्र नेताओं ने सदकात आश्रम में प्रदर्शन किया है और कहा है कि इस निर्णय से महागठबंधन को नुकसान होगा. वहीं सीतामढ़ी और उजियारपुर से भी नाराज राजद कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व को स्पष्ट कर दिया कि अपना निर्णय बदलें या फिर भीतरघात के लिए तैयार रहें.

एनडीए की एकजुटता का प्रमाण इसी से मिलता है कि इस गठबंधन ने संयुक्त रूप से उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अब चुनावी प्रचार की तैयारी में जुटा है. एनडीए के नेता संयुक्त रूप से सभी चालीसों सीट पर प्रचार के लिए रणनीति बनाने मे जुटे हैं. 28 मार्च के बाद एनडीए नेता बड़े स्तर पर प्रचार शुरू करेंगे. वहीं महागठबंधन के नेता अभी लोकसभा और उस उम्मीदवार का विवाद सुलझानें मे ही जुटे हैं. 





Suggested News