बिहार के शिक्षकों को पहचान पत्र मुहैया करवाने को लेकर सरकार विचार करेगी।बिहार विधानपरिषद में डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने यह आश्वासन दिया है।विधानपरिषद में जब सदस्यों ने शिक्षा मंत्री को घेरा तब सुशील कुमारी मोदी ने कहा कि यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों को पहचान पत्र देने पर सरकार विचार करेगी। सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी अधिकारी और कर्मचारियों का डाटा बेस तैयार कर लिया है। इसलिए शिक्षकों को पहचान पत्र देने में कोई परेशानी नहीं होगी।
बता दें कि विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर ने ध्यानाकर्षण के जरिए सवाल उठाय़ा था। उन्होंने सदन में कहा कि राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को सरकारी स्तर पर पहचान पत्र मिलनी चाहिए।देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि सेवा काल में राज्य स्तरीय कार्यालयों एवं देश-विदेश भ्रमण में पासपोर्ट की आश्वयकता होती है। ऐसे कर्मचारियों को पासपोर्ट बनाने के दौरान सरकारी पहचान पत्र अभिलेख रूप में संदर्भित रहता है, सरकार सचिवालय कर्मियों को सरकार अपने खर्चे पर पहचान पत्र देती है।
हालांकि शिक्षा मंत्री ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि शिक्षकों को पहचान पत्र देने संबंधी कोई प्रस्ताव प्रस्तावित नहीं है। पूरक प्रश्न पूछते हुए राजद के रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि स्कूल में छात्रों को पहचान पत्र दिया जाता है तो शिक्षक को क्यों नहीं। शिक्षक को भी सरकारी कर्मचारी की तरह सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अधिकार है। सीपीआई के केदार पांडेय ने कहा कि पहचान पत्र नहीं होने के कारण से कई बार शिक्षकों को परेशानी झेलनी पड़ती है। शिक्षकों को कई सरकार कार्य निष्पादन करने होते हैं, आज ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि लोग सीधे शिक्षक कह देने से नहीं मानते उनसे पहचान पत्र की मांग करते हैं