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यह हैं बिहार की नंबर वन मुखिया, केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने भी यह मान लिया, जानिए कौन है वो

यह हैं बिहार की नंबर वन मुखिया, केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने भी यह मान लिया, जानिए कौन है वो

दरभंगा.मुखिया का जब भी जिक्र किया जाता है, तो दिमाग में एक ही प्रकार की छवि उभरकर सामने आती है। भ्रष्टाचार में लिप्त रहनेवाले और ग्रामीणों पर रौब जमानेवाले लोग। इन सबके बीच बिहार के एक पंचायत की महिला मुखिया ने इस सोच को बदलने की कोशिश की है। दरभंगा की केवटी पंचायत की इस महिला मुखिया का नाम नासरा बेगम है। जिन्हें 2020 के राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार से नवाजा गया है। नासिरा बेगम को यह पुरस्कार भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय द्वारा मिला, जिसमें उन्हें न सिर्फ एक मोमेंटो दिया गया, बल्कि एक प्रशस्ती पत्र के अलावा पंचायत के विकास के लिए पांच लाख रुपये भी अलग से दिए गए हैं।

पंचायत के काम का मिला इनाम

दरअसल इनाम पाने वाली महिला मुखिया नासरा बेगम ने पंचायत स्तर पर अपने राजस्व को बढ़ावा देकर उससे होने वाली आमदनी से पंचायत का विकास किया है. नासिरा ने यह काम करके और ग्राम पंचायत के मुखिया के सामने मिसाल पेश की है.पंचायत की आमदनी बढ़ाने के लिए पंचायत में पड़ने वाले तालाबों की नीलामीके साथ ही गांव के हाट बाजारों की बन्दोबस्ती कर लाखों रुपयेके राजस्व को बढ़ाया और इससे होने वाली आमदनी से गांव के विकास काम मे लगाया। 

पंचायत के लोग भी करते हैं तारीफ – सभी योजनाओं को किया लागू

केवटी पंचायत के लोगों का कहना है कि नासिरा बेगम ने पंचायत में विकास योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू किया है। यहां पंचायत की अधिकतर सड़कें पीसीसी कराई हैं. तालाबों का जीर्णोद्धार कर उन्हें सुंदर बनाया है। साथ ही उनमें साल भर पानी रहता है।पंचायत में हर घर नल का जल योजना को बेहतर ढंग से लागू किया गया है। इसकी वजह से यहां लोगों को स्वच्छ और शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध है। तकरीबन सभी घरों में शौचालय बने हैं। इसके अलावा पंचायत सरकार भवन में लोगों की सुविधा के लिए व्यवस्था की गई है। पंचायत के कार्यों का बेहतर ढंग से दस्तावेजीकरण किया गया है. इसकी वजह से ग्रामीण भी खुश हैं।
 
 पुरस्कार मिलने पर नासरा बेगम हुईं खुश
 
 
वहीं राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार पाकर मुखिया नासरा बेगम भी गदगद हैं, हालांकि उन्होंने बताया कि वे कभी भी नहीं सोचा था कि वे बिहार की नंबर वन मुखिया बन जाएंगी और भारत सरकारकी तरफ से उन्हें कई इनाम मिलेगा. नासिरा अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ग्रामीणों की सेवा में दिन रात लगी रहती थीं।

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