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बिहार में दफ्तरी ग्रुप ने सबसे पहले शुरू की चाय की खेती, लोगों की पसंद के साथ बना रोजगार का जरिया

बिहार में दफ्तरी ग्रुप ने सबसे पहले शुरू की चाय की खेती, लोगों की पसंद के साथ बना रोजगार का जरिया

PATNA : बिहार में चाय की खेती की सबसे पहले शुरुआत करने वाले दफ्तरी ग्रुप की तरफ से राजबाड़ी चाय का स्टाल उद्यान मेला में लगाया गया है. टी सिटी ऑफ बिहार के नाम से पहचाने जाने वाले किशनगंज जिले का राजबाड़ी ब्रांड चाय के क्षेत्र में बिहार का पहला और एक जाना माना नाम है, जो ब्लैक टी, ग्रीन टी, टी बैग की विविध वैरायटी के साथ ग्राहकों को काफी भा रहा है. साथ ही यह सेंट्रल पुलिस कैंटीन में भी केंद्रीय स्तर पर बिक्री हेतु निबंधित है. जिसके माध्यम से पूरे भारतवर्ष की BSF, SSB, CRPF, CISF जैसी केंद्रीय पुलिस बल की कैंटीन में भी इसकी आपूर्ति की जा जाती है.  


दफ्तरी ग्रुप के चेयरमैन राजकरण दफ्तरी द्वारा सर्वप्रथम बिहार में चाय की खेती की शुरुआत 10 एकड़ की छोटी भी भूमि पर की गई थी. आज हज़ारों हज़ार किसान चाय की खेती से जुड़ चुके हैं. बिहार में किशनगंज जिले के 5 ब्लॉक यथा किशनगंज, पोठिया, ठाकुरगंज, बहादुरगंज, दिघलबैंक में 25000 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में चाय की खेती हो रही है. जिससे 40000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. 

चाय की खेती में ज्यादार महिलाओं को रोजगार मिलने से महिला सशक्तिकरण के साथ साथ किशनगंज जिला आर्थिक और सामाजिक विकास की नई दास्ताँ लिख रहा है. अपराध नियंत्रण, आधारभूत संरचना के विकास, बड़ी संख्या में पौधारोपण से पर्यावरण संतुलन के साथ लहलहाती चाय की खेती से किशनगंज जिला खुशहाली की नई दास्तान लिख रहा है. कंपनी के डायरेक्टर मनीष दफ्तरी ने जानकारी दी कि वर्त्तमान में 10 प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से करीब 1 करोड़ किलो सालाना तैयार चाय का उत्पादन हो रहा है और फैक्ट्री के अभाव में करीब 2 करोड़ किलो तैयार चाय सीमावर्ती पश्चिम बंगाल की प्रोसेसिंग यूनिट में होती है. 

पटना से वंदना शर्मा की रिपोर्ट 

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