Bihar Land Survey: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में भूमि सर्वेक्षण को सुचारू रूप से संचालित कराने को लेकर कृत संकल्पित हैं. ऐसे में भूमि सर्वेक्षण में आ रही कई प्रकार की चुनौतियों को दूर करने के लिए अब जिलों के DM ,DCLR और CO गांवों में जाकर पूरे मामले को देखने को कहा गया है. इसके लिए भूमि सर्वेक्षण पर ऑन स्पॉट फैसला भी अधिकारी करेंगे. भूमि सर्वेक्षण में जमीन के दावे, खतियान, जमाबन्दी, वंशावली, नापी, दखल-कब्जा आदि कई ऐसे मामले हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से आम लोग जूझ रहे हैं. इसे दूर करने को लेकर राज्य सरकार ने कई दिशा निर्देश भी पिछले कुछ दिनों में जारी किया है. बावजूद इसके अभी भी समस्याएं हैं.
गड़बड़ी की शिकायतें दूर करने के लिए अब जिलाधिकारी सहित अन्य वरीय अधिकारीयों को कैंप में जाने को कहा गया है. जैसे सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा में अंचलों के शिविरों में डीएम समेत अन्य जिला स्तरीय अधिकारी जाकर रैयतों की समस्याओं को सुनेंगे. इस दौरान जिला स्तरीय अधिकारी के साथ अंचल के सीओ और शिविर के नोडल पदाधिकारी भी कैंप में मौजूद रहेंगे. इसमें जमीन के मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज, वंशावली व बंटवारा चार्ट आदि को लेकर आ रही शिकायतों को दूर करने की कोशिश की जाएगी.
नालंदा में वरीय अधिकारियों के कैंप में जाने को लेकर शेड्यूल भी जारी हो चुका है. इसमें 18 सितंबर को रहुई प्रखंड के अंबा पंचायत सरकार भवन के कैंप में डीएम, एडीएम, डीसीएलआर, एसडीओ, सीओ, नोडल पदाधिकारी आदि रहेगें. 19 सितंबर को बिहारशरीफ प्रखंड के मुरौरा पंचायत सरकार भवन में एडीएम, डीसीएलआर, सीओ, नोडल पदाधिकारी आदि रहेंगे. 21 सितंबर को नूरसराय प्रखंड के चरुईपर पंचायत सरकार भवन में डीसीएलआर, सीओ, नोडल पदाधिकारी रहेंगे. 25 सितंबर को राजगीर प्रखंड कार्यालय में डीएम, एडीएम, डीसीएलआर, एसडीओ, सीओ, नोडल पदाधिकारी रहेंगे. 26 सितंबर को कतरीसराय प्रखंड कार्यालय में कैंप लगेगा जिसमें डीसीएलआर, सीओ, नोडल पदाधिकारी रहेंगे. 28 सितंबर को गिरियक प्रखंड के चोरसुआ पंचायत सरकार भवन के कैंप में एडीएम, डीसीएलआर, सीओ, नोडल पदाधिकारी रहेंगे.
गौरतलब है कि बिहार में 20 अगस्त से भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है. प्रदेश में भूमि के लिए हो रहे विवादों के निपटारा के लिए नीतीश सरकार ने यह कदम उठाया है. आम लोग भूमि सुधार और राजस्व विभाग के साइट से सर्वे और चकबंदी खतियान की अभिप्रमाणित दस रुपये भुगतान कर प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही वंशावली आदि बनवाने के लिए भी कहीं जाने की जरूरत नहीं. इसे सादे कागज पर स्वप्रमाणित रूप से दे सकते हैं.