Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान के दौरान जमीन मालिकों के सामने कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। सबसे बड़ी समस्या है पुराने दस्तावेज़ों की कमी। कई लोगों के पास अपनी जमीन के पुख्ता कागजात नहीं हैं, जिससे उनकी जमीन पर दावा करने में मुश्किलें आ रही हैं। जमीन के दावे को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है। कुछ लोगों के मन में संशय है तो कई लोगों के पास कागजात ही नहीं हैं. इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से बड़ा बयान सामने आया है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि जो लोग भ्रम फैला रहे हैं उनकी निजी रुचि जमीन को लेकर हो सकती है. जमीनों के मामलों में उन्होंने अपनी दुकान खोल रखी हो या वह चाहते हों कि रिकॉर्ड वैसे ही अस्पष्ट रहे. क्योंकि जहां भी जमीन में अस्पष्टता रहेगी वहां लोग इसका लाभ उठाने की कोशिश करते हैं. यहीं से जमीन विवाद खड़ा होता है.
. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि बहुत लोग इसलिए संशय में हैं कि उनके पास पर्याप्त कागजात नहीं हैं. इसके लिए हम लोगों ने बार-बार कहा है कि पूरा कागज नहीं है तो आपकी जमीन होने का कुछ भी प्रमाण है उसको ही स्वघोषणा पत्र में लगाएं और सर्वे की प्रक्रिया में भाग ले.
अंचल स्तर पर आयोजित शिविरों में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। लोग अपने सवालों के जवाब पाने और दस्तावेज़ों को जमा करने के लिए अधिकारियों से मिल रहे हैं
जिन लोगों के पास जमीन के दस्तावेज़ नहीं हैं, उनके लिए सरकार ने अभिलेखागार से दस्तावेज़ों की नकल लेने की सुविधा दी है। इसके अलावा, वंशावली बनाने के लिए पंचायत सचिव या सरपंच के पास जाने की जरूरत नहीं है। लोग खुद ही प्रपत्र-3ए भरकर अपनी वंशावली का विवरण दे सकते हैं।
भूमि सर्वेक्षण के लिए प्रपत्र-2 और प्रपत्र-3ए के साथ खतियान, लगान की रसीद, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेज़ जमा करना अनिवार्य है। जो लोग शिविर में नहीं जा पा रहे हैं, वे ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। सरकार की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर जाकर सभी जरूरी दस्तावेज़ अपलोड किए जा सकते हैं.