पटना : नीतीश सरकार ने अब भ्रष्ट मुखिया की तरफ नजर टिका दिया है. सरकार ने माल समेटने वाले मुखिया पर कार्रवाई करने कि लिए निगरानी विभाग को खुली छुट दे दी है.
निगरानी भी अब भ्रष्ट मुखिया को उनके सही ठिकाने पर पहुंचाने में जुट गई है, तभी तो पिछले 3 महीनों में तीन मुखिया निगरानी विभाग के हत्थे चढ़े हैं. तीनों मुखिया को घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.
दिसंबर 2019 से यह ऑपरेशन शुरू किया गया है और अब तक तीन मुख्य हवालात पहुंच गए हैं. पहली कार्रवाई 2019 के दिसंबर महीने में हुई जब समस्तीपुर के सिहोरा पंचायत के मुखिया जवाहर चौधरी को 1लाख 16 हजार घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया.
उसके बाद 16 जनवरी 2020 को मोतिहारी के टिकुलिया पंचायत के मुखिया कामेश्वर मुखिया को 1 लाख 50 हजार घूस लेते गिरफ्तार किया गया. निगरानी विभाग ने भ्रष्ट मुखिया पर कार्रवाई का सिलसिला आगे भी जारी रखा.
निगरानी विभाग के एक्टिव मोड का नतीजा यह निकला कि 28 फरवरी 2020 को निगरानी विभाग की टीम ने आरा के शाहपुर प्रखंड के बरौली पंचायत के मुखिया संजय कुमार को 63 हजार रिश्वत लेते हुए अरेस्ट कर लिया. गिरफ्तार हुए सभी मुखिया सीएम नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय का सौदा माल बटोरने में जुटे थे.