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अब बिहार में बने बैट से क्रिकेट खेलेंगे बच्चे, प्रवासी मजदूरों ने शुरू किया बल्ले का निर्माण

अब बिहार में बने बैट से क्रिकेट खेलेंगे बच्चे, प्रवासी मजदूरों ने शुरू किया बल्ले का निर्माण

BETTIAH : भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत योजना पश्चिम चंपारण जिला में लॉक डाउन के दौरान आए प्रवासी मजदूरों के लिए वरदान साबित हो रहा है. जम्मू काश्मीर मे बैट बल्ला का निर्माण कर रहे मजदूर जब अपने गृह जिला बिहार के प॰चंपारण आए तो उनलोगों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई थी. लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को जब क्वारेंटाईन  सेंटर मे रखा गया तो वहां जिला प्रशासन के द्वारा स्कील मैपिंग कर उन्हें अपने ही काम को यहाँ करने को कहा गया. जिला प्रशासन द्वारा उन्हें भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत बैंक से लोन दिलवाया गया और आज वह मजदूर अब बाहर ना जाकर अपने ही जिला में रोजगार कर अपना व अपने पूरे परिवार का भरण पोषण कर रहे है. 

साथ ही अन्य मजदूरों को काम देकर उन्हें भी रोजगार के लिए पलायन करने से रोक रहे हैं. जम्मू कश्मीर से लॉक डाउन के दौरान आए लालबाबू महतो, जो की प॰चंपारण के सहोदरा थाना क्षेत्र के राजपुर गाँव निवासी है. उन्होने बताया की जम्मू कश्मीर में हम  बैट बल्ला का काम बनाने का काम करते थे. लॉक डाउन जब लगा तो वहां सभी काम बंद हो गया. जिससे भुखमरी का नौबत हो गया था. किसी तरह से हमलोग वहां से भाग कर अपने गृह जिला आए. यहाँ आने के बाद हमलोगों को क्वारेंटाईन सेंटर मे रखा गया था. इसी दौरान जिला प्रशासन से हमलोगों का स्कील मैपिंग भी हुआ था. हमलोग पैसे की कमी बताए थे. पैसा मिलने पर बाहर ना जाकर यही काम करने को कहा था. आज हमको जिला प्रशासन द्वारा भारत सरकार के आत्म निर्भर भारत योजना से 8 लाख 50 हजार रुपया लोन मिला है. अब हम यहीं पर अपना काम कर रहे है. साथ ही हमारे साथ 8 अन्य जगहों से आए मजदूर भी बैट बल्ला और अन्य फर्नीचर बनाने का काम कर रहे है और अपना जीवन यापन कर रहे है. 

वही इस संबंध मे जमुनिया पंचायत के मुखिया सुनील गढ़वाल ने बताया की हमारे यहाँ लॉक डाउन के दौरान 2000 से अधिक प्रवासी आए थे. जिन्हें पहले तो कोरोंटाईन सेंटर पर 14 दिनों के लिए रखा गया था. कोरोंटाईन सेंटर पर उनका जिला प्रशासन के द्वारा बिहार व भारत सरकार के गाईड लाईन के तहत उनका स्कील मैपिंग किया गया तो उनलोगों के सामने पैसा का अभाव बताया गया. पैसे मिलने पर यहीं काम करने के लिए सभी प्रवासी तैयार हुए है और आज इन्हें जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के विभिन्न बैंको के माध्यम से लोन मुहैया कराया गया. इसके बाद आज यह अपना काम कर परिवार का भरण पोषण  कर ही रहे है. साथ ही यहाँ अन्य प्रवासीयों को भी रोजगार दे रहे है. सबसे बड़ी बात हमारे पंचायत मे यह हुआ की हमारे यहाँ  पलायन रुक गया. भारत सरकार का आत्मा निर्भर भारत योजना प्रवासीयों के लिए काफी ही मददगार साबित हुआ है. 

बेतिया से आशीष कुमार की रिपोर्ट

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