पटना... नई सरकार के गठन होने के बाद सूबे में नए वित्तिए वर्ष 2021-22 का बजट तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कोरोना को देखते हुए विभागों से ऑनलाइन सुझाव लेने पर विचार किया जा रहा है। कोविड-19 के बढ़ते सक्रमण के कारण इस बार विभागों के साथ बैठक नहीं होगी। अब नए बजट के लिए वित्त विभाग ने इससे संबंधित पहल भी तेज कर दी है। नए बजट की रूपरेखा तैयार करने के लिए सभी विभागों से आए और व्यय का प्रारूप एकत्र करने की पहल भी तेज हो गई है।
इसके लिए 2 दिसंबर से सभी विभागों के साथ वित्त विभाग की बारी-बारी से बैठकों का दौर भी शुरू होने जा रहा है। यह प्रक्रिया 9 दिसंबर तक चलेगी। इससे संबंधित अधिसूचना वित्त विभाग ने जारी कर दी है और सभी विभागों को निर्धारित समय पर इसमें शामिल होने के लए भी कहा है। इस बार के बजट को तैयार करने की प्रक्रिया कई मायने में काफी मशक्कत वाली है। कोविड 19 के कारण राजस्व का नुकसान लगातार हो रहा है। अब तक टैक्स संग्रह में करीब 18 फीसदी का शॉर्ट फॉल जारी है।
समीक्षा के बाद होगी नए वित्तिए वर्ष की रूपरेखा तैयार
केंद्रीय स्तर पर भी टैक्स संग्रह की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए इस बार का बजट तैयार करने में काफी कसरत करनी पड़ेगी। सबसे बड़ी चुनौती होगी कि चालू वित्तिये वर्ष 2020-21 का बजट 2 लाख 10 हजार करोड़ रुपए कम नहीं हो। सभी विभागों से बैठक होने के बाद और टैक्स संग्रह की अंतिम रूप से समीक्षा होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि नए वित्तिये वर्ष के बजट की रूपरेखा क्या होगी और इसका आकार क्या होगा।
ऑनलाइन मांगे जाएंगे इस बार सुझाव
इस बार के बजट को तैयार करने के लिए आम लोगों से लेकर सभी क्षेत्र के खास लोगों से ऑनलाइन ही सुझाव मांगे जाएंगे। कोविड के कारण अलग-अलग सेक्टर के प्रतिनिधियाें से मुलाकात करके वित्त मंत्री सीधा सुझाव लिया करते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। इस बार सभी सुझाव ऑनलाइन लिए जाएंगे। हालाकि व्यवसाय, पंचायती राज, उद्योग, किसान समेत अन्य सेक्टर के चुनिंदा प्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से भी सुझाव लेने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन इसमें कई तरह की समस्याएं भी सामने आ रही है। इस बार सभी सुझाव व्हाट्सएप, फोन, ईमेल के माध्यम से ही मंगवाया जा रहा है। जल्द ही वित्त विभाग इससे संबंधित आदेश भी जारी करेगा।