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बिहार में पूरे साल रहा सियासी भूचाल: अपने हुए पराये, दुश्मन बन गए दुलारे 

बिहार में पूरे साल रहा सियासी भूचाल: अपने हुए पराये, दुश्मन बन गए दुलारे 

Patna- जश्न- ए 2019 के लिए पूरा देश तैयार है, लेकिन 2018 की राजनीतिक उठापटक और दिलचस्प कहानियां भी याद करने लायक रहेगी. वैसे तो दिल्ली की राजनीति बिहार से तय होती है ऐसा लोग कहते हैं, दूसरे राज्यों में सुनाते हैं, मानते हैं लेकिन गौर करें तो बिहार की राजनीति में इस साल भी कम भूचाल देखने को नहीं मिला. जो कभी अपने थे वो पराए हो गए, चुनाव आने से पहले जो पराए थे वो किसी और पार्टी के लिए दुलारे हो गए. साल 2018 में जो दो राजनीतिक परिवारों के बीच संबंध बना था हालात कुछ ऐसे बने की दोनों कोर्ट तक पहुंच गए.

तेजप्रताप- ऐश्वर्या की शादी रही सुर्खियों में

साल के अंत तक दो राजनीतिक परिवारों के बीच के पारिवारिक संबंध तक कोर्ट तक पहुंच गई. राजद के सुप्रीमो लालू यादव के परिवार से भी एक बड़ी खबर रही जो सबसे चर्चित भी रही. जी हां हम बात कर रहे लालू के बड़े लाल तेजप्रताप यादव की. तेजप्रताप यादव की शादी साल 2018 के मई महीना में हुआ. तेजप्रताप यादव की शादी पूर्व सीएम दारोगा राय की पोती और आरजेडी नेता चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से हुआ. शादी के कुछ महिनों बाद तेजप्रताप ने अचानक से पटना के पारिवारिक कोर्ट में तलाक की अर्जी डाल दी. दोनों परिवार के लोग एक दूसरे को मनाने में जुटे रहे तो वहीं दूसरी ओर यह तलाक के प्रकरण मामला अब तक कोर्ट में चल रहा है.

मांझी बन गए महागठबंधन के दुलारे

बिहार के सियासत में जो दूसरी सबसे बड़ी भूचाल और राजनीतिक समीकरण की गड़बाती नजर आई वो एनडीए के पक्ष में नहीं रहा. साल के शुरूआत में ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एनडीए का साथ ही छोड़ दिया. जदयू में खटपट और सीएम नीतीश कुमार से नाराजगी जाहिर करते हुए जदयू छोड़ हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा पार्टी बना ली. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी हम के साथ महागठबंधन में भी शामिल हो गए. 

सन ऑफ मल्लाह ने दी दस्तक

साल 2018 में पूर्व सीएम जीतन राम मांझी सिर्फ ऐसे व्यक्ति ही नहीं थे जो एनडीए की दोस्ती तोड़ महागठबंधन के दोस्त बन गए. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए का साथ देने वाले सन ऑफ मल्लाह यानी मुकेश सहनी ने न केवल एनडीए से अगल हुए. बल्कि पटना के गांधी मैदान में हुंकार भरते हुए वीआईपी पार्टी बनाई और फिर महागठबंधन में शामिल हो गए.

और आखिरकार कुशवाहा ने भी तोड़ा एनडीए ने नाता

राजग दल से दोस्ती तोड़ने का सिलसिला यही नहीं रूका. कुशवाहा समाज के नृतत्व करने वाले और रालोसपा चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने भी एनडीए से अपना नाता तोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए. लोकसभा सीट बंटवारे में तवज्जो न मिलने से नाराज कुशवाहा ने एनडीए को राम राम कह दिया. 

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