PATNA : बिहार में जाति आधारित जनगणना को लेकर सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं, मंत्रियों के द्वारा लगातार बयानबाजी की जा रही है। इनमें भाजपा को छोड़ सभी राजनीतिक दल जातिगत जनगणना का समर्थन कर रही है। इनमें जहां पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। वहीं वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी ने जाति आधारित जनगणना के लिए पांच करोड़ की राशि राज्य सरकार को देने की घोषणा की है। वहीं इन सबके बीच बिहार सरकार में मंत्री जनक राम ने इन दोनों नेताओं को लेकर बड़ी बात कह दी है।
भाजपा कोटे से बिहार सरकार में मंत्री बने जनक राम ने कहा है कि छोटी-छोटी के पार्टी के लोग सबसे ज्यादा जातिगत आधारित जनगणना की मांग कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे इन जातियों के वोट उन्हें मिल जाएगा। लेकिन जनता को यह समझ में आ गया है। बिहार की तेरह करोड़ जनता के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास की लंबी लकीर खींच दी है। यहां के लोगों को रोटी चाहिए, मकान चाहिए। उन्होंने जीतन राम मांझी को शायराना अंदाज नसीहत देते हुए कहा कि जिंदगी जबतक रहेगी, फुरसत न मिलेगी काम से, जीतन बाबू कुछ ऐसा समय निकालिए कि अयोध्या चलकर दर्शन कर लीजिए श्रीराम से।
इस दौरान उन्होंने कहा जाति के नाम पर यहां कई पार्टियां आई, लोगों ने मुख्मंत्री ने बनने का अवसर दिया, लेकिन उन्होंने अपने परिवार से बाहर निकलना जरुरी नहीं समझा। उन्होंने कहा कि 15 साल के शासन में उन्होंने सिर्फ एमवाई के विकास की बात की, कभी पिछड़ों के बारे में नहीं सोचा, अब उन्हें पिछड़ों के विकास की बात याद आ रही है। लालू प्रसाद के धिक्कार वाले बयान को लेकर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी में कितने पिछड़े लोगों को मौका दिया यह सभी जानते हैं। जब सीएम बनाने की बात हुई तो पत्नी को आगे कर दिया। बेटा-बेटी को आगे कर देते हैं। वह पिछड़ों की बात करते हैं।
सही मायने में भाजपा ही पिछड़ों को मौका देती है
जनक राम ने इस दौरान कहा कि देश में सही मायने में भाजपा ही पिछ़़ड़ो को आगे बढ़ाने का काम करती है। हमारे पीएम पिछड़ी जाति से हैं, अमित शाह पिछड़ी जाति से आते हैं, प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष पिछड़ी जाति से हैं, राज्य के सीएम पिछड़ी जाति से हैं। यहां एक दो नहीं सैंकड़ों लोग पिछड़ी जाति से आगे आकर अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुए हैं।