पटना: पटना हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चन्द्र वर्मा ने शनिवार को इंटरनेशनल जस्टिस डे पर पटना हाईकोर्ट में बड़े तादाद में लंबित मुकदमों पर चिंता जताई। उन्होंने इस स्थिति को काफी गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि पटना हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत पद 53 हैं, लेकिन नए जजों की नियुक्ति नहीं होने और कई जजों के रिटायर होने के बाद अब पटना हाईकोर्ट में एक तिहाई जज ही कार्यरत हैं। चीफ जस्टिस समेत उन्नीस जज ही इस समय विभिन्न मामलों की सुनवाई करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में न सिर्फ मुकदमों की सुनवाई कर निबटारे के लिए कोर्ट के कार्य करने के घंटे बढ़ाने होंगे, बल्कि शनिवार और रविवार को भी कोर्ट में सुनवाई करने पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही पटना हाईकोर्ट में नए जजों की शीघ्र नियुक्ति की जानी चाहिए, ताकि लंबित मुकदमों के निबटारे तेजी से हो सके।
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए बड़ी संख्या में लंबित के मद्देनजर अधिवक्ता संघ ने शनिवार और रविवार को भी कोर्ट में सुनवाई किए जाने की मांग की है। सामान्य रूप से पटना हाईकोर्ट में शनिवार और रविवार को अवकाश होता है। Covid महामारी के दौरान लगभग 14 माह से कोर्ट में सामान्य रूप से सुनवाई नहीं हो पाने के कारण लंबित मुकदमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर पटना हाईकोर्ट में जजों की काफी कमी हैं। जहां पटना हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत पदों की संख्या 53 हैं, वहां सिर्फ एक तिहाई जज यानी सिर्फ 19 जजों ही कार्यरत है। ज्ञात हो कि पटना हाईकोर्ट में लगभग 2 लाख मामले सुनवाई के लिए लंबित है।