DESK: गया: एक वह भी दौर हुआ करता था, तब अपनों के लिखे पत्र महीनों बाद मिलते थे लेकिन अब इस फोर जी के जमाने में भी ऐसे वाक्यात हो जाते हैं कि उन देर से मिलने वाले पत्रों का जिक्र हो ही जाता है। दरअसल यह पूरा मामला स्वास्थ्य विभाग का है। जिसने ऐसा कारनाम किया है कि अब समाहर्ता स्तर पर इसकी जांच की जा रही है।
खबर कुछ यूं है कि मुदस्सिर आलम नाम के एक शख्स से अपने सोशल साइट्स पर लिखा है कि गत 15 अप्रैल को उसने अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, गया में आरटीपीसीआर टेस्ट कराया था। जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव बतायी गयी। इसके बाद उन्होंने खुद को आइसोलट किया और रिकवर हो गये। लेकिन हद तो तब हो गयी जब गत आठ मई को जिला प्रशासन की तरफ से नगर निगम कर्मी के माध्यम से मेडिकल किट उपलब्ध कराया गया। हालांकि इस बाबत जिला प्रशासन की तरफ से 17 अप्रैल को जांच की बात से इंकार किया जा रहा है।
जिला आपदा शाखा के प्रभारी पदाधिकारी का कहना है कि मुदस्सिर का सैंपल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 28 अप्रैल को लिया गया था। फिर 30 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच में पॉजिटिव लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग ने उपलब्ध करायी। इसके बाद पॉजिटिव लोगों को कॉल किया गया और एक मई को नगर निगम के कर्मियों द्वारा निर्धारित पते पर मेडिकल किट को भेजवाया गया और आठ मई को यह किट मुदस्सिर को प्राप्त हुआ। इस पूरे मामले की जांच अपर समाहर्ता स्तर से की जा रही है।