PATNA: इस साल बिहार की बाढ़ ने लोगों को कई रंग दिखाए। पहले तो जून के महीने में ही गंगा सहित सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिस वजह से निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गए। मौजूदा समय की बात की जाए तो गंगा सहित 11 नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसके अलावा 26 जिले बाढ़ प्रभावित हैं।
इस साल गंगा ने सभी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए रिकॉर्ड 175 सेंटिमीटर का स्तर प्राप्त किया। यह गंगा का अबतक का अधिकतम रिकॉर्ड बनाया। फलस्वरुप भारी तबाही देखने को मिली। जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। नेशनल हाइवे पर पानी आने के बाद आवागमन तक प्रभावित है। अब कई दिनों बाद गंगा के जलस्तर में 16 सेंटीमीटर की मामूली गिरावट दर्ज की गई। इतनी गिरावट के बाद भी हालात सामान्य होने के आसार नही हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी तरह अगर गिरावट जारी रही और अभी कम से कम 100 सेमी और गिरावट आएगी, तब लोगों को राहत मिलनी शुरू होगी।
शर्त यह है कि गिरावट जारी रहे और उत्तराखंड, यूपी आदि में बारिश नहीं हो। इसके साथ ही गंगा में मिलने वाली नदियों का जलस्तर भी नियंत्रित रहे। तब जाकर राहत महसूस होगी। सबकुछ सामान्य रहा तब भी अभी 15 दिन और लोगों को नारकीय स्थिति का सामना करना पड़ेगा। इस बीच एन डी आर एफ़ ने मोकामा में मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि प्रशासनिक मदद अब भी नदारद ही है। बाढ़ पीड़ितों को देखने सुनने वाला यहां कोई नही है। अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों की भी अवहेलना करने में कोताही नही कर रहे हैं। 16 सेमी की गिरावट के बाद अभी गंगा 175 से.मी से हटकर 159 सेंटीमीटर पर आई है जो खतरे के निशान से 17 से.मी. अधिक है। खतरे का निशान यहां 141.76 सेंटीमीटर है। हाथीदह स्थित केंद्रीय जल आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अभी और जलस्तर घटने की संभावना है।