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BIHAR NEWS: बाहुबली आनंद मोहन को सता रहा है कोरोना का खौफ, विधायक बेटे व पत्नी लवली आनंद ने कहा रिहा करो सरकार

BIHAR NEWS: बाहुबली आनंद मोहन को सता रहा है कोरोना का खौफ, विधायक बेटे व पत्नी लवली आनंद ने कहा रिहा करो सरकार

पटना: कोरोना के लगातार बढ़ते दायरे के खौफ आम से लेकर खास लोगों तक में दिखने लगा है। राजद के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की कोरोना से हुई मौत के बाद जेल में बंद अन्य बाहुबलियों के बीच भी कोरोना का खौफ पसर गया है। बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के परिवार वाले भी कोरोना को लेकर बुरी तरह से आशंकित है और उन्होंने बिहार सरकार से आग्रह किया है कि कोरोना को देखते हुए आनंद मोहन को जल्द से जल्द रिहा किया जाये। 

ज्ञात हो कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी आनंद मोहन सजा काट रहे हैं और सहरसा जेल में बंद हैं। दरअसल परिवार वालों को यह आशंका है कि बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज की सुविधा ठीक तरह से मुहैया नहीं हो पा रही है तो ऐसे में अगर जेल में बंद आनंद मोहन को कोरोना जैसी बीमारी हुई तो तो समस्या और बढ़ जाएगी। इसी डर से आनंद मोहन के परिवार ने बिहार सरकार से आनंद मोहन को जल्द से जल्द रिहा करने की गुहार लगायी है। 


मां कर रही है बेटे को याद

आनंद मोहन की पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि आनंद मोहन पिछले करीब 14 सालों से जेल में बंद हैं। इस अवधि में कभी भी उनको पेरोल पर नहीं छोड़ा गया। आनंद मोहन की 98 वर्षीय मां कोरोना संक्रमित हैं और अपने पुत्र को लगातार याद कर रही हैं। ऐसे माहौल में जब हर तरफ कोरोना से लोगों की मौत हो रही है वहां कब किसे कोरोना हो जाये, यह कोई नहीं जानता है। इसलिए हालात को देखते हुए आनंद मोहन को रिहा किया जाये।  

आनंद मोहन के बड़े बेटे और शिवहर से राजद विधायक चेतन आनंद ने भी अपने पिता को जेल से जल्द बाहर निकालने की मांग की है। उनका कहना है कि मेरे पिता ने अपनी सजा भी पूरी कर ली है। इसके बाद भी उनको बाहर निकालने में क्या परेशानी हो सकती है? सीएम नीतीश कुमार ने भी भरोसा दिलाते हुए कहा था कि आनंद मोहन उनके मित्र हैं, वह भी उनकी चिंता करते हैं। इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। कोरोना को देखते हुए मेरे पिता को रिहा किया जाये। 

इधर पटना हाइकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वाइवी गिरी ने इस मसले पर कहा कि गत 2020 में जब देश में कोरोना संक्रमण का ख़तरा बढ़ा था तब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकारों ने मार्च 2020 में एक हाई पावर कमेटी बनाई थी। यही कमेटी तय करती है किस कैदी को लेकर क्या फ़ैसला करना है। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने सात मई को एक आदेश निकाला, जिसमें निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण का ख़तरा तेज़ी से बढ़ रहा है जिसे देखते हुए क़ैदियों की सजा पर विचार करते हुए टेम्पररी जमानत या पैरोल पर उन्हें रिहा कर जेल के भीड़ को कम करें। बता दें कि आनंद मोहन 2007 से हत्या के एक मामले में जेल में बंद हैं और अब उनके परिजन इसी के आधार पर कोरोना को देखते हुए जेल से रिहाई की मांग राज्य सरकार से कर रहे हैं। 


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