DEHRI ON SONE : डेहरी डालमियानगर नगर परिषद की मुख्य पार्षद विशाखा सिंह पर निकाय चुनाव के दौरान गलत जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने का गंभीर आरोप लगा है। उन पर यह आरोप डेहरी से पहली बार विधायक बने फतेह बहादुर सिंह ने लगाया है। राजद के टिकट पर विधायक बने फतेह बहादुर का कहना है कि डेहरी डालमियानगर नगर परिषद के मुख्य पार्षद की सीट अति पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित है। 2017 नगर निकाय चुनाव में वर्तमान मुख्य पार्षद विशाखा सिंह ने अपने मायके महाराष्ट्र राज्य का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत न करके बिहार राज्य के रोहतास जिले के डेहरी अंचल कार्यालय का जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल कर मुख्य पार्षद के पद पर काबिज हुईं, जबकि नियमतः किसी भी महिला का जाति प्रमाण पत्र उसके पिता के घर से ही बनने का प्रावधान है।
पांच साल में बदल गई जाति
डेहरी विधायक ने आरोप लगाया है कि नगर परिषद की मुख्य पार्षद ने 2012 के निकाय चुनाव के दौरान जमा किए गए शपथ पत्र में अपनी जाति सामान्य होने की बात कही थी, वहीं 2017 के चुनाव में उन्होंने अपने चुनावी शपथ पत्र में अपनी जाति तेली' (एनएक्सर1) बताया था। जो कहीं न कहीं चुनाव में हुए बड़ी धांधली को दर्शाता है
अंचलाधिकारी ने भी कहा - पिता के घर से ही बना जाति प्रमाण पत्र ही मान्य
मामले में डेहरी की अंचलाधिकारी अनामिका कुमारी ने इस बात को माना है कि किसी भी महिला का जाति प्रमाण पत्र उसके पिता के घर यानी उसके मायके से ही बनता है, क्योंकि किसी महिला की जाति का निर्धारण उसके पिता से होता है पति से नहीं। उन्होंने माना है कि अगर कोई जाति प्रमाण पत्र अपने पिता के घर का नहीं दे करके वह वर्तमान में जहां रह रही हो, वहां से दे तो वह एक तरह से गलत है, क्योंकि उसके जाति प्रमाण पत्र पर उसके पिता के घर यानी मायके का जो क्षेत्र के अंतर्गत अंचलाधिकारी या प्राधिकृत अधिकारी होंगे, उन्हीं के हस्ताक्षर से जाति प्रमाण पत्र जारी होगा। अगर कोई चुनाव भी जीता है तो वो रद्द होना चाहिए।
अधिकारियों पर पक्षपात का लगा आरोप
अब मामला सामने आने के बाद डेहरी विधायक पूरी तरह से आक्रमक हो गए हैं। उन्होंने तत्कालीन CO सहित SDM पर भी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मुख्य पार्षद के पक्ष में कार्य करने का आरोप लगाया है। विधायक ने रोहतास के DM धर्मेंद्र कुमार को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। साथ ही उनके निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है।
अब देखना होगा कि डेहरी विधायक द्वारा जिला पदाधिकारी को दिए गए पत्र में डेहरी डालमियानगर मुख्य पार्षद विशाखा सिंह को लेकर जो आरोप लगा है, इसकी जांच के बाद क्या परिणाम आता है। हालांकि विधायक के इस आरोप के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है।