SHEOHAR: शिवहर जिला स्वास्थ्य समिति में कोरोना के खिलाफ जंग में जो दवाइयां मरीजों को दी जा रही हैं, इसमें एक जरूरी दवा शामिल ही नहीं है. इसे हास्यास्पद कहें या अनदेखी, जिले में जिन दवाइयों को कोरोना मरीजों को दिया जा रहा है, उनमें बेहद अहम जिंक टैबलेट शामिल ही नहीं है. इस वजह से मरीज इससे वंचित हैं. जबकि कोरोना पॉजिटिव मरीजों को जिंक टैबलेट अति आवश्यक है
ऐसे में इस बात का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला स्वास्थ्य समिति कोरोना से लड़ने के लिए कितनी तैयारी की थी. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को जिला स्वास्थ्य समिति की तरफ से अन्य दवाएं तो उपलब्ध करा दी जा रही हैं लेकिन जिंक टेबलेट बाजार से लाने के लिए बोला जा रहा है. अब तो मांग बढ़ती देख बाजार में भी जिंक टबलेट की कमी होने लगी है. इस बाबत सिविल सर्जन को फोन किया गया तो सिविल सर्जन ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा.
इस मामले में जिलाधिकारी सज्जन दास शेखर से बातचीत की गई तो उन्होनें बताया कि सदर अस्पताल में जिंक टैबलेट की कमी का मामला संज्ञान में आया है. डीएम के मुताबिक अस्पताल की तरफ से जारी सूची में पहले से ही जिंक टैबलेट का नाम शामिल नहीं था. 4 दिन पहले ही इसे जोड़ा गया है, पटना से जिंक टैबलेट की खेप मंगाई गई है. इसके आने तक लोकल दुकानदार से दवा खरीदकर मरीजों को दी जा रही है. इसके अलावा सिविल सर्जन को आदेश दिया है कि स्थानीय बाजार या अन्य जगहों से तुरंत जिंक टैबलेट उपलब्ध कराया जाए. इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.