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BIHAR NEWS: उप-स्वास्थ्य केंद्र में रखी जाती हैं फसलें, डॉक्टर-नर्स हैं नदारद, स्वास्थ्य पदाधिकारी ने भी कमियों को स्वीकारा

BIHAR NEWS: उप-स्वास्थ्य केंद्र में रखी जाती हैं फसलें, डॉक्टर-नर्स हैं नदारद, स्वास्थ्य पदाधिकारी ने भी कमियों को स्वीकारा

KATIHAR: कोरोना काल के दौरान बिहार स्वास्थ्य महकमे से ऐसी कई तस्वीरें लगातार सामने आयी हैं, लजो बिहार के स्वास्थ्य विभाग के बीमार होने की वजह बताती है। ताजा तस्वीर कटिहार जिले के बरारी विधानसभा के मोहना चांदपुर उप स्वास्थ्य केंद्र से है, जहां भवन रहने के बावजूद डॉक्टर और नर्स नहीं आते। इस कारण लोग अब इसे मक्का रखने और सुखाने की गोदाम बना लिया है। क्या है स्वास्थ्य केंद्र की बीमारी की वजह, देखिए इस रिपोर्ट में...फसल जमा करने के काम आ रहा उप-स्वास्थ्य केंद्र

बरारी प्रखंड मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूरी पर स्थित है मोहना चांदपुर पंचायत। यहां की लगभग बीस हज़ार की आबादी के इलाज के लिए साल 1970 में मोहना चांदपुर में उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हुआ था। हर साल इस उप स्वास्थ्य केंद्र में मेंटेनेंस का काम तो होता है, बावजूद इसके स्वास्थ्य केंद्र अब तक खुद बीमार हैं। स्थनीय लोग कहते हैं कि पिछले दो साल से यहां कोई डॉक्टर और नर्स आए ही नहीं है। कोरोना काल के दौरान जब टेस्टिंग से लेकर वैक्सीनेशन तक में उप-स्वास्थ्य केंद्र की भूमिका सबसे ज्यादा हो गई है, उस वक्त भी यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नदारद हैं। आलम यह है कि स्थानीय लोग इस भवन को मक्का सुखाने और मक्का के रखरखाव का गोदाम बना लिए हैं, पंचायत के मुखिया कहते हैं कि कई बार तमाम जगहों के चक्कर लगाने के बावजूद यह उप स्वास्थ्य केंद्र का हाल अब तक बदहाल है।

वही बरारी प्रखंड स्वास्थ्य पदाधिकारी भी मानते हैं कि दो साल से यह उप स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह ठप है। उनकी मानें तो दो साल पहले जो डॉक्टर थे उनका डेपुटेशन हो जाने के बाद से वहां व्यवस्था ठप है। हाल के दिनों में उप स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों को जिला मुख्यालय बुला लिया जाने कारण व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में जिला स्वास्थ्य समिति को जानकारी देकर सहयोग करने की मांग की है।

एक तरफ स्वास्थ्य विभाग कोरोना काल के दौरान वैक्सीनेशन और टेस्टिंग को लेकर कई कवायद कर रही है। वहीं इस दौर में अगर उप-स्वास्थ्य केंद्रों में मुकम्मल व्यवस्था हो पाती तो खासकर सुदूर इलाकों की ग्रामीण आबादी को आसानी से स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो पाती।

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