KATIHAR: कटिहार रेल मंडल के आला अधिकारियों की तानाशाही रवैया से करोड़ों का अनाज रेलवे रैक पॉइंट में बर्बाद हो रहा है। दरअसल यास तूफान की पूर्व सूचना के बावजूद कटिहार रेल मंडल ने रैकप्वाइंट से जुड़े व्यवस्था में कोई तब्दील नहीं की। इसी को लेकर व्यापारियों का अनाज और सीमेंट भीगने से बहुत नुकसान हुआ है।
इतना ही नहीं एफसीआई और एसएससी में सप्लाई होने वाले गेहूं का हालात पानी में भीगने से बर्बाद हो गया है। रैकप्वाइंट में काम करने वाले मजदूर कहते हैं कई बार व्यापारी और मजदूर रेल प्रशासन से व्यवस्था में सुधार करने की मांग की है, लेकिन रेल प्रशासन ने भारी भरकम पेनल्टी लगाकर रैक प्वाइंट से जुड़े व्यापारियों को परेशान कर रखा है। जिस कारण यहां 24 घंटे काम करने वाले मजदूरों को भी परेशान हैं। मजदूरों के हेड पुचु पासवान ने कहा कि वर्तमान में डीआरएम की मनमानी चालू है। यहां 24 घंटे काम करने को कहा गया है, जो कि जुल्म जैसा है। मौसम खराब होने के बाद भी अनाज कीचड़ में पड़ा है। यही पानी में भीगा अनाज मजदूर, गरीब तबके के लोग खाते हैं। यही खराब अनाज FCI में जाएगा। इससे हम समझ सकते हैं कि अनाज वहां जाते-जाते आधा बर्बाद हो चुका होगा। रेलवे में यह सुधार हो कि 24 घंटा काम करने की अवधि पर रोक लगे।
इस संबंध में रैक पॉइंट से जुड़े व्यापारियों का मैनेजर सुबोध राय बताते हैं कि कल रात से हो रही बारिश में FCI का रखा अनाज भीग गया। खाली रैक होने के बावजूद खुले में सीमेंट रखना पड़ा। वह भी बर्बाद हो गया। पानी लगने से सीमेंट पत्थर हो गया और अनाज बर्बाद हो गया। अगर मजदूर मौसम देखकर रुकते हैं तो रेलवे काफी ज्यादा फाइन लगाता है। 40 हजार रुपए प्रति घंटे का फाइन लगता है। मजबूरी में मजदूर भागकर काम कर रहे हैं। रेलवे की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अगर रैक खाली नहीं किया गया तो रेलवे कंपनी पर फाइन लगा देता है। जिससे सभी का नुकसान है।