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BIHAR NEWS : इलाज के साथ लोगों का अंतिम संस्कार भी करा रहे हैं डॉक्टर, फौजी के पिता को कंधे पर लादकर ले गए श्मशान

BIHAR NEWS : इलाज के साथ लोगों का अंतिम संस्कार भी करा रहे हैं डॉक्टर, फौजी के पिता को कंधे पर लादकर ले गए श्मशान

HAJIPUR : कोरोना के इस महामारी में जहां अपने मरनेवालों का साथ छोड़ रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं जो यह जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। राजधानी पटना से सटे हाजीपुर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत गांववालों ने अंतिम संस्कार से इनकार कर दिया। परिवार में कोई पुरुष सदस्य नहीं होने के कारण अस्पताल के डॉक्टर ने खुद यह जिम्मेदारी उठाई और बुजुर्ग के शव को श्मशान लेकर गए और उन्हें मुखाग्नि देकर मिसाल पेश की है। 

मामला जिले के महनार प्रखंड की हसनपुर दक्षिणी पंचायत के मुखिया मुकेश कुमार सिंह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है। बताया गया कि सेना में ड्यूटी कर रहे फौजी उदय सिंह के 65 साल के पिता राम उद्धार सिंह को कोरोना से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई। लेकिन सेना में ड्युटी के कारण बेटा पिता के शव को लेने नहीं आ सका, वहीं घर में भी कोई पुरुष नहीं था, जो अंतिम संस्कार कर सके। महामारी के कारण गांववालों ने भी किनारा कर लिया।

डॉक्टर ने कंधे पर उठाया शव

फौजी के पिता की मौत के बाद हसनपुर मुखिया ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद खुद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी  एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी गांव पहुंचे। महनार के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मनोरंजन कुमार सिंह और मुखिया मुकेश कोरोना प्रोटोकॉल के तहत शव को प्लास्टिक में लपेटकर चिकित्सा पदाधिकारी खुद उसे कंधे पर टांगकर गंगा घाट पहुंचे। जहां अंतिम संस्कार किया गया। 

42 डॉक्टर गवां चुके हैं अपनी जान

कोरोना वायरस महामारी के आपदा काल में डॉक्‍टर साक्षात भगवान बन लाखों लोगों की जान बचा रहे हैं। आइएमए बिहार की ओर से जारी सूचना के लिहाज से कोरोना की दूसरी लहर में अब तक 42 से अधिक डॉक्‍टर अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसी प्रतिकूल परिस्थिति में वैशाली जिले के इस डॉक्‍टर ने जो किया, उसे जानकर आप भी उन्‍हें सलाम करेंगे।


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