BETTIAH: पश्चिम चंपारण के लौरिया प्रखंड के 100 से अधिक सब्जी विक्रेताओं पर कोरोना और बाढ़ का डबल अटैक हुआ है। कोरोना काल से पहले लौरिया में छोटे- बड़े सब्जी विक्रेता खेतों से सब्जी तोड़कर लोकल बाजार में बेचकर अपना और परिवार का पेट पाल रहे थे। जब से कोरोना महामारी का प्रकोप हुआ, लौरिया के सब्जी विक्रेताओं को अशोक स्तम्भ और छठ घाट के पास जगह दे दी गई। अब नई जगह पर दोबारा सब्जी विक्रेताओं ने थोक और खुदर सब्जी बेचना शुरू किया। अबतक इनकी समस्याओं का निदान हो रहा था, मगर मॉनसून के आगमन के साथ ही इनकी असल दिक्कतें शुरू हो गई।
पश्चिम चंपारण में 14 जून को मॉनसून की पहली बारिश हुई। अचानक 15 जून की रात लौरिया से बहने वाली सिकरहना नदी उफान पर आ गई। नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ा और बाढ़ का पानी लौरिया सहित आसपास के क्षेत्रों में फैल गया। इससे चारों तरफ पानी ही पानी हो गया और तबाही मच गई। किसानों के धान के बीचड़े के साथ 100 से अधिक सब्जी विक्रेताओं की सब्जी सहित सभी जमापूंजी बाढ़ के पानी में बह गई। इसे लेकर सब्जी विक्रेता भोला और कृष्णा साह ने बताया की 15 जून की रात यहां एक दर्जन से अधिक सब्जी विक्रेता सोए हुए थे। तभी अचानक बाढ़ का पानी आया और हमारी सारी जमापूंजी सहित सब्जी, फल अपने साथ बहाकर ले गया। 5 दिनों तक बाढ़ का पानी यहां बहता रहा। सोमवार शाम को पानी कम हुआ है। इस वजह से अस्थाई रूप से बनायी हमारी दुकान भी क्षतिग्रस्त हो गयी। अब हमारे सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है।
लोगों को अब जिला प्रशासन से मदद की आस है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अगर सरकार या जिला प्रशासन से थोड़ी बहुत सहायता मिल जाती तो हमलोग प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए स्थान पर सब्जी बेच कर अपना भरण पोषण कर सकते। वहीं इस संबंध मे लौरिया नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी शिवांशु शिवेष ने बताया की जल्द ही इनकी समस्या का समाधान कर दिया जायेगा। लौरिया अंचलाधिकारी से जमीन के बारे मे रिपोर्ट मांगी जा रही है।