KATIHAR: प्रति महीने 300 यूनिट ब्लड रोटेशन के बावजूद कटिहार जिला के ब्लड बैंक के अस्तित्व पर संकट छाया हुआ है। राज्य सरकार के तरफ से ब्लड बैंक के पर्यवेक्षण के लिए आए हुए दल के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि कटिहार ब्लड बैंक के परिसर का जो क्षेत्रफल होना चाहिए उसमें कुछ कमी है। जिस वजह से कई तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है। यह बातें तब सामने आ रही हैं, जब 1 अगस्त से 6 अगस्त के बीच केंद्रीय टीम दौरे पर आ रही है।
कटिहार ब्लड बैंक में केवल जगह की कमी की ही परेशानी नहीं है, बल्कि इसके अलावा अन्य बिंदुओं को लेकर भी कुछ परेशानी है। इस मुद्दे पर कटिहार जिला ब्लड बैंक के नोडल अधिकारी भी मानते हैं ब्लड बैंक के क्षेत्रफल को लेकर कुछ जगह की कमी है। हालांकि उन्होंने कहा कि बगल में एक कमरा खाली है, जिसमें ताला पड़ा रहता है। उस रूम को जोड़ दिए जाने से वह परेशानी दूर हो सकती है। इसके अलावा अन्य छोटे बिंदुओं को दूर करने के लिए केंद्रीय टीम के दौरे से पहले पूरी व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है। कटिहार ब्लड बैंक के निरीक्षण के लिए टीम का दौरा 1 से 6 अगस्त तक प्रस्तावित है।
वहीं जिला ब्लड बैंक नोडल अधिकारी डॉ. आर.सुमन ने बताया कि साल 2016 में ही ब्लड बैंक का लाइसेंस खत्म हो चुका है। हर साल एक्सटेंशन के लिए डॉक्युमेंट देते है। साल 2021 तक एक्सटेंशन मिला है। जबकि लाइसेंस रिन्यू कराने में कई तरह की दिक्कतें हैं। ब्लड बैंक परिसर के लिए कुल 1076 स्कवायर फीट जगह चाहिए। फिलहाल यहां जगह की कमी है। एक रूम में ताला लगा रहता है। अगर वह हमें मिल जाता है तो समस्या कम होगी। उन्होनें कहा कि तमाम बिंदुओं पर जिला अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पत्र के माध्यम से सूचना दी गई है। जल्द ही सकारात्मक बातें सामने आने की उम्मीद है।