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वेंटीलेटर को उपयोग में लाने को लेकर पूर्व मंत्री ने की मांग - संविदा पर तकनीकी कर्मियों को किया जाए बहाल

वेंटीलेटर को उपयोग में लाने को लेकर पूर्व मंत्री ने की मांग - संविदा पर तकनीकी कर्मियों को किया जाए बहाल

JAMUI :  एक तरफ प्रदेश में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों की जान जा रही है। कोरोना को लेकर पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा है। सरकार ऑक्सीजन और वेंटीलेटर का रोना रो रही है वहीं दूसरी ओर इस आपदा की घड़ी में सरकार की उदासीनता के कारण कई जीवनरक्षक यंत्र यानि वेंटीलेटर जमुई सदर अस्पताल के कैंटीन की शोभा बढ़ी रही है। सदर अस्पताल में उपलब्ध छह वेंटिलेटर आज भी बेकार पड़ा है और कैंटीन में पड़े-पड़े धूल फांक रहा है। तकनीकी कर्मियों की कमी की वजह से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। कोरोना काल में वेंटिलेटर का कितना महत्व है, यह किसी संक्रमित की उखड़ती सांस बता देती है।

इस बात की जानकारी होने पर बिहार के पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ने सरकार के स्वास्थ्य सचिव प्रत्यय अमृत को पत्र लिखकर हैरानी व्यक्त की है और कहा कि जल्द से जल्द जमुई सदर अस्पताल में बेकार पड़े वेंटीलेटर को उपयोग में लाया जाए ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचायी जा सके। पूर्व कृषि मंत्री ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि प्रदेश में 99 प्रतिशत स्थानों पर ऑक्सीजन की कमी तो है ही साथ ही साथ वेंटिलेटर की भी कभी है और जिन अस्पतालों में वेंटिलेटर है तो उसे चलाने वाला ऑपरेटर नहीं है। उन्होंने जमुई सदर अस्पताल का उल्लेख करते हुए लिखा है कि जमुई अस्पताल में कई वेंटीलेटर हैं किंतु टेक्निशीयन नहीं है। जिस कारण वेंटीलेटर मात्र शोभा की वस्तु बनकर रह गया है।

उन्होंने स्वास्थ्य सचिव से अनुरोध किया है कि बड़े पैमाने पर टेक्नीशियन को बहाल कर वेंटीलेटर को उपयोग में लाया जाए और अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की व्यवस्था शीघ्र कराई जाए ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों की जान बचायी जा सके। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि मेडिकल, नर्सिंग, पारा मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्र-छात्राओं व नर्सेज तथा पारा मेडिकल और चिकित्सकों को संविदा पर आपातकाल में बहाल कर बिहार में कोरोना से मचे हाहाकार को शांत कराया जाए।

यहां विदित हो कि जमुई सदर अस्पताल में 10 महीने कई वेंटीलेटर आये तो लेकिन उसे उपयोग में नहीं लाया जा सका कारण कि उसे ऑपरेट करने वाले कर्मी सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। परिणामस्वरुप आज सभी वेंटीलेटर सदर अस्पताल के कैंटीन में पड़ा-पड़ा धूल फांक रहा है।

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