दरभंगा: कोरोना से जो बच्चे अनाथ हो गये हैं. उनके लिए सरकार द्वारा पहल की गई है। अब उनलोगों की जिम्मेदारी NCPCR को सौंप दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर जिले में कोविड-19 से मृत माता या पिता अथवा दोनों की मृत्यु होने पर उन पर आश्रित बच्चों को जिनकी उम्र 18 से कम है, उनकी सूची राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड की जानी है। आपको बता दें कि बच्चों के पालन पोषण की व्यवस्था करना साथ ही इन बच्चों को परवरिश योजना एवं स्पांसरशिप योजना से जोड़ा जा सकता है। समाज कल्याण विभाग के जिला बाल संरक्षण इकाई के तहत संचालित परवरिश योजना में तीन श्रेणियों के बच्चों को 1000 रुपये हर महीने 18 वर्ष की उम्र तक दिया जाता है। इसमें माता एवं पिता दोनों की मृत्यु होने पर अनाथ बच्चों को, कुष्ठ पीड़ित बच्चों या कुष्ठ पीड़ित माता या पिता के बच्चों को एवं एचआईवी, एड्स पीड़ित बच्चों या एचआईवी एड्स पीड़ित माता-पिता के बच्चों को दिया जाता है।
इसके साथ ही स्पांसरशिप योजना के तहत निम्न श्रेणी के बच्चों को लाभ दिया जाता है। इसमें विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्त महिला के बच्चों को, गंभीर बीमारी के कारण पालन-पोषण में असमर्थ माता या पिता के बच्चों को एवं जेल जाने वाले माता या पिता के बच्चों को इसका लाभ दिया जाता है।
कोविड-19 से मृत हुए माता या पिता या दोनों अभिभावक की स्थिति की जानकारी जिला बाल संरक्षण इकाई के मोबाईल नम्बर - 7667015778/8873464240, बाल कल्याण समिति के मोबाइल नंबर - 9097959410 एवं 9431498549 तथा चाइल्ड लाइन के टोल फ्री नंबर - 1098 पर दी जा सकती हैं। अनाथ बच्चों के बेसहारा तथा आश्रयविहीन होने की स्थिति पर उन्हें बाल संरक्षण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर विशिष्ट दस्तक ग्रहण संस्थान या बाल गृह में रखने की व्यवस्था की जा सकती है। इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग द्वारा बीपीएल परिवार के व्यक्ति की कोविड-19 मृत्यु की स्थिति में कबीर अंत्येष्टि का लाभ दिया जाएगा। कोविड-19 से मृत व्यक्ति की विधवा पत्नी को अर्हता के अनुसार लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन अथवा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना से जोड़ा जाएगा।