PATNA: कोरोना महामारी इस मुश्किल वक्त में स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स और पुलिस अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. ये सभी चौबीसों घंटे अपना दायित्व निभा रहे हैं. इसी बीच बिहार के स्वास्थ्य संविदा कर्मी सरकार ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. संविदा कर्मियों ने सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा है. उनका कहना है कि मेडिकल बीमा लागू नहीं होने पर वह सभी इस कोरोना काल के बीच सामूहिक इस्तीफा दे देंगे.
कैमूर के स्वास्थ्य प्रबंधक बीरबल कुमार की कोरोना से मौत के बाद सभी संविदा कर्मी आक्रोशित हो गए हैं. उन्होंने सरकार पर इस कोरोना काल में भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. संघ के सचिव ललन कुमार सिंह ने कहा कि कोरोना काल में उन सभी की जान से खिलवाड़ हो रहा है और उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी नहीं दी जा रही है.
बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर तीन दिन में स्वास्थ्य संविदाकर्मियों के हित में उचित और सकारात्मक निर्णय नहीं लिए गए तो संविदाकर्मी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे. इस इस्तीफे के लिए बिहार सरकार ही जिम्मेदार होगी.
संघ के सचिव लालन कुमार सिंह ने कहा कि इस त्रासदी में आमजनों की सेवा प्रदान करते-करते हमारे कर्मठी साथी बीरबल कुमार कोरोना संक्रमित हो गए. उनके बेहतर इलाज के लिए संविदा कर्मी संघ ने ही आपस मे चंदा इकठ्ठा कर उनको बनारस के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया मगर वह कोरोना से जंग हार गए. हम सभी संविदा कर्मी के लिए बिहार सरकार की नीति का विरोध एवं निंदा करते है. मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखकर सरकार और कितने स्वास्थ्य संविदा कर्मी को मरते हुए देखना चाहती है?