पटना: पटना हाइकोर्ट ने सेवानिवृत होने के पद से निचले पद का वेतनमान देने के मामले पर राज्य सरकार के प्रति पर नाराजगी जताई। कोर्ट सख्त रूख अपनाते हुए शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पर 20 हज़ार रुपये का हर्ज़ाना लगाया है। जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह ने राम नारायण शर्मा की रिट याचिका पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता एलएन मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के एक कॉलेज में रोकड़पाल के पद से 2011 में सेवानिवृत्त हुआ था। उसकी सेवानिवृत्ति के बाद बिहार सरकार ने यूनिवर्सिटी में हेड एसिस्टेंट / रोकड़पाल के पद को सेक्शन ऑफीसर का पद 2007 के प्रभाव से निर्धारित किया। इसी प्रक्रिया में जो वेतनमान का जो निर्धारण हुआ, उसमें याचिकाकर्ता का वेतनमान असिस्टेंट के वेतनमान से भी कम था।
इस पर हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पर 20 हज़ार रुपये का हर्ज़ाना लगा दिया साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि याचिकाकर्ता के पे स्केल का पुनर्निर्धारण कर उसके बकाये रकम का भुगतान तीन महीने में कर दें।