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बिहार के स्कूलों में कितने पूर्णकालिक हेडमास्टर और कितने उसके पद, यह भी पता नहीं,अब मांगी रिपोर्ट

बिहार के स्कूलों में कितने पूर्णकालिक हेडमास्टर और कितने उसके पद, यह भी पता नहीं,अब मांगी रिपोर्ट

Patna : एक तरफ नीतीश कुमार की सरकार प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा को दुरुस्त करने के बड़े-बड़े दावे करती है तो दूसरी तरफ  हास्यास्पद यह है कि शिक्षा विभाग को यह भी जानकारी नहीं की राज्य के 72 हजार प्रारंभिक स्कूलों में कितने पूर्णकालिक हेड मास्टर हैं साथ ही यहां कितने प्रधानाध्यापक के पद स्वीकृत हैं ।यह सवाल बजट सत्र के दौरान उठा था उसके बाद से शिक्षा विभाग के नींद खुली। अब 3 दिनों में बिहार में पूर्णकालिक हेड मास्टर और उनके पदों की स्वीकृति के बारे में अद्यतन जानकारी मांगी गई है।

अपर मुख्य सचिव ने दिया आदेश,तीन दिन के भीतर कराएं उपलब्ध

बजट सत्र के दौरान राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में पूर्णकालिक हेड मास्टर कितने कार्यरत हैं? और कितने हेड मास्टर के पद स्वीकृत हैं? यह सवाल जैसे ही एक सदस्य के द्वारा उठाया गया तो शिक्षा विभाग के पास इसकी अद्यतन जानकारी नहीं थी. बजट सत्र बीत जाने के बाद शिक्षा विभाग की नींद खुली है।अब अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश निर्गत किया है की मध्य विद्यालय में प्रधानाध्यापक के स्वीकृत एवं उसके विरुद्ध कार्यरत पूर्णकालिक अध्यापक से संबंधित विवरण शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं। बताया यह भी गया है कि के यू डायस सर्वे 2019 - 20 के द्वारा जो सर्वे सूची उपलब्ध कराई गई है। उससे इसका मिलान करवाया जाएगा।

प्राधानध्यापकों के आधे पद प्रोन्नति से व आधे पर सीधी नियुक्ति का प्रावधान

गौरतलब है की नियोजित शिक्षकों की मांग पर प्रदेश में सेवा शर्त अधिसूचित कर दिया गया है। सेवाशर्त अगस्त 2020 के तहत प्रधानाध्यापकों के नियुक्ति का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत प्रधानाध्यापकों के आधे पद पर सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे तो दूसरी तरफ आधे पदों को सीधी नियुक्ति से भरे जाने का प्रावधान किया गया है ।  बता दें की वर्तमान में नियमित वेतनमान वाले प्रधानाध्यापक के लगातार रिटायर होने के बाद से कई विद्यालयों में वरीय नियोजित शिक्षक हेडमास्टर का पदभार ग्रहण कर स्कूलों को संचालित कर रहे हैं ।

पूर्णकालिक हेडमास्टर नहीं होने का उठता रहा है सवाल

हालांकि शिक्षा विभाग के द्वारा यह जानकारी दी गई है कि 2019- 20 में के यू डायस सर्वे के द्वारा उपलब्ध पूर्णकालिक हेड मास्टर और उसके पदों की स्वीकृति से संबंधित आंकड़ा गूगल ड्राइव पर अपलोड किया गया है, साथ ही अपर मुख्य सचिव ने यह भी आदेश दिया है कि उपलब्ध अद्यतन आंकड़ों का उससे मिलान किया जाय ताकि पूर्णकालिक हेड मास्टर सहित उसके पदों की स्वीकृति से संबंधित जानकारी प्राप्त हो सके। बता दें की पिछले कई वर्षों से प्रारंभिक विद्यालयों में पूर्णकालिक हेड मास्टर ना होने का रोना रोया जाता रहा है। फिलहाल स्थिति यह है की नियमित वेतनमान वाले शिक्षकों के रिटायर होने के बाद वरीय नियोजित शिक्षकों के द्वारा पदभार ग्रहण कर स्कूलों का संचालन किया जा रहा है जिसका सीधा असर विद्यालय के संचालन पर पड़ता है। बड़ा सवाल यह है की क्या इस बार भी सरकार सिर्फ सवाल उठाए जाने पर सक्रियता से प्राधानध्यापकों के स्वीकृत पदों की जानकारी मांग कर गहरी नींद में सो जाएगी या पूर्णकालिक हेड मास्टर के पदों को भरा जाएगा? आंकड़े तो हर साल जुटाने के दावे किए जाते हैं।

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