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BIHAR NEWS: इस क्लीनिक में डॉक्टर की गैरमौजूदगी में भी होता है इलाज, लापरवाही ने ली मासूम की जान

BIHAR NEWS: इस क्लीनिक में डॉक्टर की गैरमौजूदगी में भी होता है इलाज, लापरवाही ने ली मासूम की जान

SUPAUL: सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज में एक महादलित बच्चे की निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान मौत होगई, जिसके बाद उसके परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि 5 दिनों से बच्चे को भर्ती कर रखा था, क्लीनिक वालों ने बड़ी रखम भी ऐंठ ली, मगर सही ढंग से इलाज नहीं किया, जिससे 10 महीने के बच्चे की मौत हो गई। परिजन बच्चे को दूसरे अस्पताल ले जाने को तैयार थे मगर डॉक्टरों ने भरोसी दिलाकर उन्हें रोक लिया था।

यह मामला त्रिवेणीगंज प्रखंड मुख्यालय के पास का है. यहां स्थित रधुवंशी चाइल्ड केयर सेन्टर में 10 महीने के बच्चे को भर्ती कराया गया था। पांच दिनों तक उसका इलाज जारी रहा मगर उसने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर केवल मोटी रकम वसूलने में लगे रहे और इलाज पर ध्यान नहीं दिया। परिजनों ने कुल 41 हजार रुपए क्लीनिक में जमा किए थे। क्लीनिक के डॉक्टर ललन कुमार यादव नवजात एवं शिशु रोग विशेषज्ञ हैं, जो पूर्णिया के सरकारी हॉस्पिटल में प्रतिनियुक्त हैं। उनके जाने के बाद क्लीनिक में कंपाउंडर बच्चों का इलाज और देखरेख करते हैं।

हैरानी की बात यह है कि सरकारी अस्पताल में प्रतिनियुक्त डॉक्टर अलग से अपना क्लीनिक चला रहे हैं। उनकी गैरमौजूदगी में भी क्लीनिक में बच्चों का इलाज जारी रहता है। यहां तक की कंपाउंडर बिना डॉक्टर की देखरेख में बच्चों को आईसीयू में भी भर्ती कर लेते हैं। इस तरह से मासूमों की जान से खिलवाड़ कितना डरावना है, यह आप खुद ही समझ सकते हैं।  


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