DARBHANGA: मार्च में एसटीईटी (माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा) के 12 विषयों के रिजल्ट जारी करते समय मेरिट लिस्ट के सभी अभ्यर्थियों को नौकरी देने का वादा सरकार के गले की हड्डी बनता जा रहा है. 21 जून को जब छूटे हुए तीन विषयों संस्कृत, उर्दू और विज्ञान के रिजल्ट जारी किए गए, तो पहले जारी किए गए 12 विषयों रिजल्ट में मेरिट के साथ ही क्वालिफायड बट ‘नॉट इन मेरिट’ शब्द जोड़ दिया गया. इस मामले ने तूल पकड़ लिया है.
अब तीन विषयों के रिजल्ट जारी होने के बाद से अभ्यर्थी गुटों में बंट गए हैं. मेरिट में जो अभ्यर्थी हैं, उनमें निराशा है. उन्हें डर सता रहा है कि अब क्वालिफायड अभ्यर्थियों के जुड़ने से उनकी नौकरी पक्की नहीं रह गई.वही इस बात को लेकर दरभंगा जन अधिकार पार्टी के छात्र विंग द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी का पुतला दहन कर एसटीईटी में आए सभी अभ्यर्थियों को नौकरी देने की मांग रखी है. प्रदर्शन कर रहे हैं मिथिला विश्वविद्यालय के जाप के छात्र विंग के अध्यक्ष दीपक कुमार झा ने कहा कि मेरिट लिस्ट के बिहार सरकार ने अभ्यर्थी को विज्ञापन का हवाला दे कर आश्वासन दिया था. मार्च में परीक्षा समिति ने 12 विषयों के 24599 अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर कहा था कि जितने पद हैं, उससे कम रिजल्ट हैं, इसलिए सबकी नौकरी पक्की है.
अब समिति यह भी नहीं बता रही है कि क्वालिफायड बट नॉट इन मेरिट लिस्ट में कितने स्टूडेंट हैं. समिति की इस गलती पर अब अभ्यर्थी आक्रोशित हैं. इस गलती से बहाली प्रक्रिया भी बाधित हो सकती है. मामला कोर्ट में फंस सकता है. इन सभी बातों को लेकर जन अधिकार पार्टी ने शिक्षा मंत्री का पुतला दहन किया है और कहा कि यदि छात्रों की मांग पूरी नहीं हुई तो इससे भी बड़ा उग्र आंदोलन होगा.